{अलीगंज | चन्द्रशेखर सिंह} Edited by- Abhishek Kumar Jha:-
एक तरफ जहाँ मौजूदा सरकार गरीबों के उत्थान के लिए करोड़ों राशि व्यय करती है वहीं दूसरी ओर सरकारी राशियों का दुरपयोग इस कार्य में बाधा उत्पन्न करती है।
ताजा उदाहरण देखना हो तो, जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड अंतर्गत दरखा गांव आकर देखिए, जहाँ महादलित टोला में लोगों को हर घर नल जल के तहत पीएचईडी विभाग द्वारा 22 लाख की लागत से बनी पानी टंकी से पाईप बिछाकर नल का जल पहुंचाने का प्रयास किया गया, लेकिन महादलितों के सपनों पर ही पानी फिर गया। पानी टंकी बनने के बाद लोगों को लगा कि घर -घर नल लग जाने से पेयजल की सुविधा होगी। लेकिन बनने के बाद ही सभी महादलितों के सजोये सपनों अधुरे रह गये।
स्थानीय समाजसेवी सह युवा शक्ति के प्रांतीय नेता शशिशेखर सिंह 'मुन्ना', जदयू प्रखंड अध्यक्ष शीतल मेहता, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष बखोरी पासवान आदि ने बताया कि पीएचईडी विभाग द्वारा निकाली गई निविदा पर संवेदक प्रीमियर सोलर के द्वारा दरखा गांव के महादलित टोला में 22 लाख की लागत से पानी टंकी बनाकर महादलित टोला में पाईप लगाकर घरों तक नल लगाई गई। लेकिन एक महीना ग्रामीणों को पानी नहीं मिल सका, और देखते ही देखते पानी टंकी व पाईप सहित नल आदि की गुणवत्ताहीन होने के कारण टुट कर बिखर गया, जिससे महादलितों को पानी मिलना बंद हो गया।
इसी संदर्भ में अपनी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ग्रामीण मुन्ना सिंह, बच्चु पंडित, उपेद्र सिंह, दीपक कुमार, अशोक कुमार, सोहन माझी, करीगन मांझी, कारू माझी,सविया देवी, झलिया देवी आदि ने बताया कि पानी टंकी बनने के बाद महीने भर पर हमें पानी नहीं मिल पाया। घटिया पानी टंकी व गुणवत्ताहीन सामग्री प्रयोग होने से टंकी यत्र-तत्र टुट गया है जिससे पानी सप्लाई होना बंद हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि इसकी शिकायत प्रखंड से लेकर जिला तक किया गया लेकिन आज तक किसी ने इसकी सुधि तक नहीं ली।
▶ क्या कहते हैं पदाधिकारी◀
पीएचईडी विभाग के एक्सक्यूटिव इंदुभूषण प्रसाद ने बताया कि टंकी का कार्य संवेदक के द्वारा कराया गया था। घटिया काम करने के लिए संवेदक के खिलाफ कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी को लिखा गया है।