Gidhaur.com (चकाई) : स्थानीय हाई स्कुल परिसर में आयोजित सोहराय मिलन समारोह में आदिवासी युवतीयों ने जब रंग-बिरंगे देहाती परिधानों में ढोल और मांदर की थाप पर थिरकना प्रारंभ किया तो सचमुच लुप्त हो रही लोकसंस्कृति की एक झलक फिर से जिंदा हो उठी।
करीब दर्जन भर युवतीयों ने जब आदिवासी गीतो पर झुमना प्रारंभ किया तो वहां मौजुद हजारों की भीड ने तालीयां बजाकर उनकी हौसला अफजाई की। वही आदिवासी युवको एवं बुढों ने भी नृत्य कर अपनी विलुप्त होती सभ्यता और संस्कृति का बेहतरीन नमुना जब पेश किया तो आयोजको का दिल बाग बाग हो उठा।
समारोह के आयोजक रामलखन मुर्मु ने बताया की गीत नृत्य के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है की चाहे किसी भी जाति या समुदाय के लोग हो हम सब को मिलकर एक साथ पर्व मनाना चाहिए।
सुधीर कुमार यादव
चकाई | 31/01/2018, बुधवार
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