Gidhaur.com (विशेष) : मानवता की भावना और अध्यात्मिक जागृति किसी भी इंसान को साधारण से विशिष्ट बनाने की क्षमता रखती है. कोई भी इंसान चाहे वो किसी भी प्रोफेशन में हो- वो एक डॉक्टर हो, शिक्षक हो, बिजनेस प्रोफेशनल हो या समाजसेवी, वो समाज के लिये अनुसरणीय भी होगा जब उसके कार्य समाज को मजबूती प्रदान करने वाले होंगे. हम यहॉ चर्चा कर रहे है बिहार के छोटे से कस्बा जयनगर में जन्म लेने वाले 36 वर्षीय युवा डॉ. दिनेश चंद्र की.
बचपन से डॉक्टर बनने की चाहत रखने वाले दिनेश का जन्म बिहार-नेपाल के बॉर्डर पर स्थित छोटे से शहर जयनगर में डॉक्टर महेश चंद्र सोंथालिया के घर हुआ. पिता डॉक्टर होने के साथ ही चर्चित समाजसेवी भी है. दिनेश की प्रारंभिक पढाई सिंधिया स्कुल, ग्वालियर में और फिर दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर के पुरम से हुई, इन्होने एमबीबीएस कस्तुरबा मेडिकल कॉलेज मनिपाल से किया और इसके बाद एमएस भोपाल के जी एम सी से किया. भोपाल में एमएस के दौरान देश में बढ रहे कार्डियक प्रॉब्लम को देखते हुये इन्होने कार्डियक सर्जरी में जाने का निर्णय लिया, ये एमसीएच करने के लिये दिल्ली आ गये.

एम्स में मरीजों की जबरदस्त भीड़ के बीच डॉ. दिनेश को बिहार अादि राज्यो के सुदूर क्षेत्र से आने वाले लोगो की स्वास्थ्य समस्या को नजदीक से जानने का मौका मिला. एम्स के दो वर्षों के कार्यकाल में इन्होने कई सफल कार्डियक सर्जरी की. एम्स का कार्यकाल बेहद व्यस्त था परन्तु इस दौरान ही डॉ. दिनेश को भगवत गीता के सार और मदर टरेसा के जीवन दर्शन को पढने और पुरा जानने समझने का मौका मिला. मदर टरेसा के प्रेमपुर्ण निस्वार्थ कार्यो से प्रभावित डॉ. दिनेश पर भगवत गीता के श्लोकों का बड़ा प्रभाव है. वर्ष 2016 में 2 साल एम्स में बिताने के बाद डॉ. दिनेश मेंदांता मेडिसिटी में एसोसियेट कंसेलटेंट के तौर पर आ गये. यहॉ डॉ. दिनेश को देश के सबसे प्रख्यात कार्डियक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान व प्रसिद्ध सर्जन डॉ. भान के साथ कार्य करने का मौका मिला.
डॉ. दिनेश लगातार बिहार व नार्थ इस्ट के राज्यों में बढ रही कार्डियक समस्या और जरुरी निदान के विषय पर कार्य योजना बनाते रहे है. बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लक्ष्य को साथ इन्होने मेंदांता की टीम लेकर बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित राज्य के छोटे-छोटे हिस्से में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करना शुरु किया. ये गरीब और कमजोर तबके के कार्डियक समस्या से जूझ रहे लोगो को विभिन्न एन. जी. ओ., सामाजिक संस्थाओ की मदद से आर्थिक मदद उपलब्ध करवा उन्हे नवजीवन देने के कार्य में भी जुटे है.

(अनूप नारायण)
Gidhaur.com | 19/09/2017, मंगलवार