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Exclusive : बदहाल है गिद्धौर प्रखंड के सभी तालाब, पोखर और आहार

आबंटित राशि से कोसों है गिद्धौर, जिले के सभी प्रखंडों को मिला लाभ...

[गिद्धौर | धनंजय कुमार 'आमोद'] :- Edited by- Abhishek Kumar Jha.

सुबे के मुखिया नीतीश कुमार ने तालाब को बचाने के लिए कड़ा रुख अखितयार किया हैऔर कहा है कि मृत पड़े सभी तालाब, आहार को हर हाल में खोज कर निकाला जाएगा और उसका जीर्णोद्धार किया जाएगा, लेकिन गिद्धौर प्रखंड में दर्जनों ऐसे तालाब,पोखर और आहार विलुप्त हो चुके है।


प्रखंड में ऐसे कई जगहों पर या तो तालाब का अस्तित्व मिट गए है या फिर आतिक्रमन के शिकार है। ग्रामीण क्षेत्र में भी कई तालाब,पोखर का रख रखाव के अभाव में दम तोड़ने की कगार पर पहुँच गया है।
प्रखंड मुख्यालय में ही दो तालाब है जिसका रख राखब ठीक ढंग से नही होने के कारण बरसात के बाद तालाब में एक बूंद पानी नही रहता है।क्योंकि तालाब तक पानी पहुचाने की कोई व्यवस्था नही की गई। हालांकि बरसात के समय में मृत पड़े इन सभी तालाब और पोखरो में पानी लवालब भरा देखने को मिलता है, लेकिन बरसात समाप्त होने के साथ ही सभी तालाब और पोखर अपने बदहाली पर आंसू बहाने लगती है। अगर विभागीय अधिकारियो व जनप्रतिनिधिओ का ध्यान इन मृत पड़े तालाब और पोखर की तरफ आंख दिखा दे तो बिलुप्त हो रहे इन सभी तालाबों को बचाया जा सकता है।
- गिद्धौर प्रखंड के इन तालाबों की स्थिति दयनीय -
1). गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के कम्पनी बाग तालाब, 2). गिद्धौर रेलवे स्टेशन तालाब
3). रतनपुर बहियार के पोखर
4). गेनाडीह के गंगा सागर आहार
5). सेवा पंचायत स्थित राजा पोखर
6). कुन्धुर पंचायत स्थित पूर्णक तालाब
7). कोल्हुआ पंचायत स्थित छोटकी आहार
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-- बुद्धिजीवी लोगों का है कहना --
कुछ स्थानीय बुद्धिजीवियों का मानना है कि प्रखंड के सभी पंचायतो में तालाब और पोखर को जीर्णोद्धार के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जाना चाहिए और पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से तालाब को बचाने की मुहिम आम लोगो की सहभागिता के साथ साथ जागरूकता अभियान चलाया जाय तो बेकार पड़े तालाब को बचाया जा सकता है।