गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 14 नवंबर 2025, शुक्रवार : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम शुक्रवार को मतगणना के उपरांत घोषित किए गए, जिसमें गिद्धौरवासियों के लिए दोहरी खुशखबरी लेकर आए। जिले की दो प्रमुख सीटों झाझा और जमुई पर गिद्धौर के दो कद्दावर नेताओं ने शानदार जीत दर्ज कर इलाके का गौरव बढ़ाया।
झाझा विधानसभा क्षेत्र से एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी दामोदर रावत ने एक बार फिर अपनी राजनीतिक मजबूत पकड़ साबित करते हुए लगातार छठी बार विजय हासिल की। वर्ष 2000 में उन्होंने समता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में पहली जीत दर्ज की थी। हालांकि 2015 में महागठबंधन प्रत्याशी के तौर पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
लेकिन 2020 में उन्होंने दमदार वापसी करते हुए पुनः जीत दर्ज की।
वर्ष 2025 में एनडीए ने उन पर भरोसा कायम रखते हुए उम्मीदवार बनाया, जिसका परिणाम यह रहा कि उन्होंने 4262 मतों के अंतर से महागठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी जयप्रकाश नारायण यादव को पराजित किया। इस चुनाव में दामोदर रावत को 1,08,317 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी जयप्रकाश यादव को 1,04,055 वोट प्राप्त हुए। गौरतलब है कि दामोदर रावत पूर्व में बिहार सरकार में समाज कल्याण, भवन निर्माण और पीएचईडी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाल चुके हैं।
वहीं गिद्धौर की ही बेटी, अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज एवं अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित श्रेयसी सिंह ने जमुई विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार बड़ी जीत दर्ज की। एनडीए प्रत्याशी श्रेयसी सिंह ने राजद उम्मीदवार मो. शमशाद आलम को 54,498 मतों के विशाल अंतर से हराया। श्रेयसी सिंह को कुल 1,23,868 वोट मिले, जबकि शमशाद आलम को 69,370 मत प्राप्त हुए।
एनडीए की इस अहम जीत पर गिद्धौर निवासी एवं भाजपा के बिहार प्रवक्ता मनीष पांडेय ने कहा कि यह जनता के विश्वास और डबल इंजन की सरकार की विकासपरक नीतियों की विजय है। उन्होंने जमुई के मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। भाजपा के गिद्धौर मंडल अध्यक्ष राजा बाबू केशरी ने झाझा में दामोदर रावत और जमुई में श्रेयसी सिंह की जीत को जनता का आशीर्वाद बताते हुए मतदाताओं का धन्यवाद किया।
उधर, परिणाम घोषित होते ही गिद्धौर में जश्न का माहौल बन गया। लोगों ने पटाखे फोड़कर, एक-दूसरे को गुलाल लगाकर और मिठाइयाँ बांटकर खुशी का इजहार किया। पूरे नगर में दीपावली सा उल्लास देखने को मिला। दोनों जीतों के साथ गिद्धौर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यहां की जनता सामूहिक शक्ति और राजनीतिक समझ का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है। वास्तव में, गिद्धौर वासियों को दोनों हाथों में जीत का लड्डू मिला है।





