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शनिवार, 6 सितंबर 2025

श्रद्धा और आस्था के साथ गिद्धौर में संपन्न हुई अनंत चतुर्दशी

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 6 सितंबर 2025, शनिवार : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला अनंत चतुर्दशी पर्व शनिवार को गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ। प्रातःकाल से ही धर्मस्थलों और मंदिरों में व्रतधारी महिलाओं एवं पुरुषों की भीड़ उमड़ पड़ी। उलाई नदी तट स्थित ऐतिहासिक माँ दुर्गा मंदिर में पुरोहित उत्तम कुमार झा के नेतृत्व में भक्तों ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया।
 
पौराणिक महत्व
अनंत चतुर्दशी पर्व का उल्लेख महाभारत काल से जुड़ा है। पुरोहित श्री झा ने बताया कि जब पांडव जुए में अपना सब कुछ हारकर वनवास का कठिन जीवन व्यतीत कर रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने का उपदेश दिया था। युधिष्ठिर ने भाइयों और द्रौपदी संग श्रद्धा-भक्ति से व्रत किया और संकटों से मुक्ति पाई। मान्यता है कि इस व्रत से सभी दुखों का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
 
पूजा-अर्चना और नियम
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने दिनभर उपवास रखा और संध्या तक अनंत भगवान की कथा सुनी। मान्यता है कि व्रतधारी इस दिन नमक रहित भोजन करते हैं। पूजा के दौरान श्रद्धालुओं ने 14 गांठों वाला अनंत सूत्र अभिमंत्रित कर धारण किया। पुरुष इसे दाहिने हाथ में तथा महिलाएं बाएँ हाथ में बांधती हैं। इसे धारण करना अनंत सुख, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
भक्तों की आस्था
अनंत चतुर्दशी के मौके पर गिद्धौर सहित विभिन्न गांवों में धार्मिक वातावरण छा गया। श्रद्धालु सुशांत साईं सुंदरम, स्वागत गुप्ता, डॉली कुमारी, हरदेव ठाकुर सहित अनेक लोगों ने पूरे नियम-निष्ठा के साथ अनंत भगवान की आराधना की। मंदिर परिसर में भक्ति गीतों और मंत्रोच्चारण से वातावरण गुंजायमान रहा।

सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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