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शुक्रवार, 8 अगस्त 2025

जमुई : जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में विधिक सेवा प्राधिकार की दो अहम बैठकें संपन्न

बच्चों के आश्रय गृहों की समीक्षा, पैनल अधिवक्ताओं से फीडबैक भी लिया गया

जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 8 अगस्त 2025, शुक्रवार : बीते गुरुवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमुई संदीप सिंह की अध्यक्षता में दो महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं। दोनों ही बैठकें जिले में विधिक सेवाओं की प्रभावशीलता और बाल संरक्षण से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा को केंद्र में रखकर की गईं।

पहली बैठक : बाल संरक्षण समिति की समीक्षा
पहली बैठक माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा पारित CWJC-1848 के आलोक में गठित जिला स्तरीय बाल संरक्षण समिति की थी। यह समिति जिले में संचालित बच्चों के सभी आश्रय गृहों के निरीक्षण और देखभाल हेतु गठित है।

बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री राकेश रंजन, सिविल सर्जन, अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी, डीएसपी (मुख्यालय) तथा सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, जमुई उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान जिला न्यायाधीश ने जिले के विभिन्न आश्रय गृहों बृहद आश्रय गृह (चकाई), दत्तक गृह (जमुई) और पर्यवेक्षण गृह (जमुई) में आवासित बच्चों की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

उन्होंने पर्यवेक्षण गृह में रसोई घर हेतु रोटी मेकर, तथा बृहद आश्रय गृह में खिड़की और दरवाजों की मरम्मत के निर्देश यथाशीघ्र देने को कहा। साथ ही, सचिव को यह निर्देशित किया गया कि बच्चों के मध्य विधिक सेवा से संबंधित कार्य अवरुद्ध नहीं होने चाहिए और सभी जरूरतमंद बच्चों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराना प्राधिकार का उत्तरदायित्व है। यह बैठक हर तीन माह में आयोजित होती है, और समीक्षा रिपोर्ट उच्च न्यायालय को भेजी जाती है।
दूसरी बैठक : पैनल अधिवक्ताओं के साथ समीक्षा
दूसरी बैठक राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा जारी LDC योजना 2022 के पैरा 11 के निर्देशों के तहत पैनल अधिवक्ताओं के साथ आयोजित की गई।

इस बैठक में निःशुल्क विधिक सहायता के तहत उन मामलों की समीक्षा की गई जिनमें अधिवक्ताओं ने बंदी, आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति, अथवा अक्षम वादियों को कानूनी सहायता दी है।
जिला न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए न्यायिक प्रक्रिया में गुणवत्ता एवं संवेदनशीलता बनाए रखने की बात कही और आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।

इस बैठक में प्राधिकार के सचिव राकेश रंजन, मुख्य LADC गौरी शंकर तांती, अधिवक्ता पवन कुमार राय, गोविंद कुमार, शैलेश शरण और रोशन अभिषेक की उपस्थिति रही।

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