Breaking News

6/recent/ticker-posts

चकाई : भीषण हादसे का गवाह बन सकता है रेफरल अस्पताल, छिन सकती है कई जिंदगियां

चकाई | श्याम सिंह तोमर】:-

चकाई रेफरल अस्पताल कभी भी बड़ा हादसे का गवाह बन सकता है। चकाई रेफरल अस्पताल के जर्जर हालात होने के कारण दो वर्ष से मरीज अस्पताल के मुख्य द्वार से आना और जाना नहीं करते हैं। अस्पताल की जर्जर हालत की बानगी यह है कि चकाई रेफरल अस्पताल के लेबर और ओटी को बंद कर दिया गया है। 

रेफरल अस्पताल के स्टोर रूम मे ही प्रसुति महिला का प्रसव या किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति का प्राथमिक उपचार किया जाता है। अस्पताल के सीढ़ी की हालत भी जर्जर हो चुकी है। सीढ़ी के जर्जर होने की वजह से एक वर्ष पहले दो अस्पताल कर्मी को सीढ़ी के प्लास्टर का टुकड़ा टुटकर गिर जाने की वजह से जख्मी भी हो गए थे। इसके अलावा भी बराबर प्लास्टर टुट टूट कर गिरते रहते हैं।
इस संदर्भ मे अस्पताल प्रभारी डॉ. रमेश कुमार से पुछा गया तो उन्होंने अस्पताल की जर्जर होने की बात बताई। डॉ. रमेश प्रसाद के जिला स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखने के बाद तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार अस्पताल भवन को मृत प्राय मानते हुए चकाई अस्पताल भवन को किसी अन्य जगह मे स्थानांतरण करने की बात कही थी।
वहीं रेफरल प्रभारी ने कहा कि चकाई का पुराना अस्पताल जो छह सय्या का है, उसी में रेफरल अस्पताल चलाया जाय। लेकिन पुराने अस्पताल मे जगह कम होने के वजह से रेफरल अस्पताल उसी पुराने जर्जर भवन में कार्यरत है।
यहाँ विचारणीय पहलू यह है कि आने वाले बरसात के पानी को यह मृत भवन झेल पाता है कि नहीं यह भविष्य के गर्भ छिपा है।
नाम ना छापने के शर्त पर एक अस्पतालकर्मी कहते है कि हर वक्त हमलोगों डर सताता है कि किस वक्त यह गिरकर जमीन मे समा जाएगा और हम कितने स्टाफ ईश्वर के प्यारे हो जाएगें, यह सोचकर भी डर लगता है। चकाई रेफरल अस्पताल भवन को तुरंत दुरूस्त करने कि माँग चकाई प्रखंड के लोगो ने जमुई जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार से की है।