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कौमी एकता की अनूठी मिसाल है छपरा के बड़का अरना गांव का छठ घाट

मशरख/छपरा [अनूप नारायण] : आस्था के महापर्व छठ के भक्ति भाव में जहां पूरा बिहार डूबा हुआ है आइए हम आपको लिए चलते हैं छपरा जिले के मशरख प्रखंड के अरना पंचायत के बड़का अरना गांव के छठ घाट जहां मस्जिद से निकलती आजान व बरहम बाबा के स्थान के बीच अवस्थित है अनूठा छठ घाट. घोघारी नदी के तट पर अस्थाई बने छठ घाट पर प्रतिवर्ष इस गांव के हजारों लोग अरध अर्पित करते हैं नदी तट के पूरब तट पर मस्जिद है जबकि पश्चिम तट पर बरह्म बाबा और देवनाथ बाबा का स्थान जो बरसों से आस्था का केंद्र रहा है कभी भी दोनों समुदाय के लोगों के बीच किसी प्रकार की अनबन नहीं हुई छठ महापर्व पर लोग इस घाट पर अरध्य देते हैं तो दूसरी तरफ से  भारी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग श्रद्धा और आस्था के सैलाब में डूबे छठ व्रतियों के भक्ति भावना को देखने के लिए जुटते है.
वरिष्ठ टीवी पत्रकार अनूप नारायण सिंह का यह गांव है उन्होंने बताया वर्षो से यह परंपरा चली आ रही है आस्था दोनों तरफ है आस्था में सबसे बड़ा मानवीय पक्ष है। नदी के पूर्वी तट पर मुस्लिम आबादी जबकि पश्चिमी तट पर हिंदू आबादी है।पंचायत एक ही हैं.पूरब साईड में ताजिया का मेला लगता है तो हिंदू श्रद्धालुओं मेला देखने जाते हैं इधर जब छठ होता है पूरी सतर्कता के साथ उधर के लोग हमारी भक्ति भावना को देखते हैं यह मिसाल अनूठा है. ग्रामीण बताते हैं कि कभी भी दोनों पक्षों के बीच किसी प्रकार की अनबन नहीं हुई छठ की अलौकिक छटा के बीच में धार्मिक एकता की अनूठी मिसाल बने इस गांव के प्रख्यात चिकित्सक डा ललन पाठक बताते हैं कि एक तरफ मस्जिद दूसरी तरफ मुस्लमानो का धार्मिक स्थल है और बीच में नदी दोनों धर्मों की भावना को संग्रहित करती है . छठ के समय में यहां की छटा अलौकिक हो जाती है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजन कुमार सिंह पंचायत के पूर्व मुखिया बृजकिशोर सिंह ने बताया कि हमारा गांव सच में धार्मिक एकता का अनूठा मिसाल है.