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राम मंदिर पर फैसला आज 10:30 बजे तक, पीएम ने सभी से की शांति बनाये रखने की अपील

सेंट्रल डेस्क | शुभम मिश्र (सह संपादक, gidhaur.com) : राम मंदिर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शनिवार को सुबह के 10:30 बजे फैसला सुनाये जाने की संभावना है। CJI रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ द्वारा फैसला सुनाये जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर शुक्रवार देर शाम नोटिस भी अपलोड किया गया है।
अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली पांच सदस्यीय पीठ में शामिल सभी जजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 40 दिन की सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर से फैसला सुरक्षित रखा गया था।

बता दें कि प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने इस संवेदनशील मामले पर लगातार 40 दिनों तक सुनवाई की थी। छह अगस्त को शुरू हुई सुनवाई 16 अक्टूबर तक चली थी। 16 अक्टूबर को पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान पीठ में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। बता दें कि प्रधान न्यायाधीश 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील
अयोध्या मामले पर आने वाले फैसले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से शांति एवं सद्भाव बनाये रखने की अपील की। उन्होंने शुक्रवार की देर रात एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट किए। उन्होंने लिखा -
ट्वीट 1 :
अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।
ट्वीट 2 :
देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।
ट्वीट 3 :
 अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।

CJI ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी से ली कानून-व्यवस्था की जानकारी
फैसले से पहले प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह को बुलाकर राज्य और खासकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की दोपहर में करीब डेढ़ घंटे बैठक चली। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश के चैंबर में हुई इस बैठक में संविधान पीठ में शामिल अन्य जज भी मौजूद थे।

14 अपीलों पर हुई सुनवाई
बता दें कि अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन पर चार दीवानी मामलों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर, 2010 को फैसला सुनाया था।जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस जमीन को राम लला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच तीन बराबर हिस्सों मे बांटने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ सभी पक्षों ने कुल 14 अपीलें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थीं।

शुरू में दर्ज थे पांच मामले
विदित हो कि इस विवाद में निचली अदालत में शुरू में पांच मामले दर्ज किए गए थे। 1950 में राम लला के भक्त गोपाल सिंह विशारद ने पहला मुक़दमा दर्ज कराया था। उन्होंने विवादित भूमि पर पूजा करने का अधिकार मांगा था। उसी साल परमहंस रामचंद्र ने भी मुकदमा दायर कर पूजा जारी रखने की अनुमति और राम लला को मुख्य गुंबद में रखने का आग्रह किया था। अब गुंबद वाला ढांचा नहीं है। बाद में उन्होंने अपना मुकदमा वापस ले लिया था।

1959 में निर्मोही अखाड़ा बनी पार्टी
निर्मोही अखाड़ा ने 1959 में मुकदमा दायर कर 2.77 एकड़ जमीन पर हक और पूजा के अधिकार की मांग की। इसके बाद 1961 में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी मुकदमा दायर कर विवादित जमीन पर अपना हक जताया।

राम लला विराजमान की तरफ से 1989 में मुकदमा दर्ज
देवता 'राम लला विराजमान' की तरफ से उनके निकट मित्र इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज देवकी नंदन अग्रवाल और जन्मभूमि की तरफ से 1989 में मुकदमा दायर कर विवादित जमीन पर मालिकाना हक मांगा गया।

उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त
वहीं उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर संवेदनशील जिलों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। हॉट स्पॉट चिह्नित कर लिए गए हैं। असामाजिक तत्वों को भी चिह्नित किया गया है। प्रदेश के 21 जिले संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं।

बंद हो सकती हैं इंटरनेट सेवाएं
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया विचारों के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम हैं। मगर, कुछ खुराफाती इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाएं बंद की जा सकती हैं।इसके लिए सभी कानूनी पहलुओं पर विचार कर के मुकम्मल व्यवस्था कर लिया गया है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वाले लगभग 600 से ज्यादा लोगों की पहचान कर ली गई है।आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे। पुलिस का सोशल मीडिया सेल एक्टिव है।

यूपी में स्कूल-कॉलेज 11 तक बंद
अपर मुख्य सचिव सूचना व गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में स्कूल-कालेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों को सोमवार तक के लिये बंद कर दिया गया है।

प्रधान न्यायाधीश जस्टिर रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे
बता दें कि प्रधान न्यायाधीश जस्टिर रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही थी कि शीर्ष अदालत अयोध्या मामले में कभी भी फैसला सुना सकती है। शुक्रवार को जब प्रधान न्यायाधीश ने उत्तर प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ बैठक की, तभी कयास लगाए जाने लगे थे कि फैसला कभी भी आ सकता है।

अयोध्या में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू 
अयोध्या में 10 दिसंबर तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा मथुरा और काशी समेत प्रदेश के सभी संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त जवानों को लगाया गया है।केंद्र सरकार की तरफ से सभी राज्यों को सुरक्षा को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। फैसले को देखते हुए सभी से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा गया है। संवेदनशील स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं। 
gidhaur.com पोर्टल ने सभी पाठकों एवं अधिकारियों से शांति बनाये रखने की अपील की
शनिवार को अयोध्या पर आने वाले फैसले को देखते हुए gidhaur.com की टीम ने सभी पाठकों से भ्रामक सूचना पर ध्यान नहीं देते हुए आपसी भाईचारे व सदभावना बनाये रखने की अपील की है, और न ही भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर डालने को कहा है। वहीं gidhaur.com न्यूज़ पोर्टल के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने पाठकों को कहा है कि पूरे राज्य में सोशल मीडिया पर प्रशासन द्वारा नज़र रखी जायेगी और जो लोग भ्रामक सूचना द्वारा अशांति फैलायेंगे तो उनपर कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी। अतः सभी को सचेत रहने की दरकार है।