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अलीगंज : सुखे की आशंका से सहमे हैं अन्नदाता, महज 5 फीसदी ही हो सकी है धानरोपनी


अलीगंज (चंद्रशेखर सिंह) :- Edited by - Abhishek.

प्रखंड के किसान अब सुखे की आशंका से सहमे पड़े हैं। जूलाई को धान की रोपाई का सर्वोत्तम माह माना जाता है। लेकिन इस महीने की भी समाप्त हो चुकी है, और जरूरत के हिसाब से बारिश नही हुई। प्रखंड में मात्र 37 एम एम ही बारिश हो सकी है। जबकि जरूरत के मुताबिक 250 एम एम होनी चाहिए थी। वर्षा के आंकड़े के इस लिहाज से परेशानी वाले हैं कि लगातार कई-कई दिनों तक बारिश ने दगा दिया और किसी एक या दो दिनों तक बारिश हुई ।ऐसी बारिश किसानों के लिए लाभदायक नही हो सकी। इसके साथ दिक्कत यह भी रही कि बारिश पठारी और उथले हिस्से में नही हो सकी। जिस कारण धान की रोपाई नही हो सकी।आकडे अनुमानित 5 प्रतिशत ही धान की रोपाई प्रखंड मे अब तक हो सकी है। जबकि पुरे प्रखंड में 4300 हेक्टेयर में धान की रोपाई होती है। 

प्रखंड के हिलसा, दरखा, कैयार, आढा सहित दर्जनों गांव में बारिश की कमी के कारण इन क्षेत्रों में अभी तक धान की रोपाई की शुरुआत तक नही हो सकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार चार हजार तीन सौ हेक्टेयर के विरुद्ध मात्र लगभग 230 हेक्टेयर में धान की रोपनी हो सकी है। अगस्त माह की शुरुआत हो चुकी है। अभी तक नाम मात्र ही धान की रोपाई आगत सुखाड का भयावह नजारा दर्शाने लगा है। किसान ब्रह्मदेव सिंह, धर्मेंद्र कुशवाहा, अवधेश यादव, सिघेश्वर महतो बताते हैं कि ऐसी सुखाड की स्थिति कभी नही हुई थी। यह प्रखंड के दोहरा सुखाड है, और लगातार दो वरषो से धान की रोपाई नही हो पा रही है।किसान आने वाले दिनों की कल्पना कर सिहर जा रहे हैं। प्रखंड कृषि पदाधिकारी नागेद्र पुरवे ने बताया कि प्रखंड में मात्र 5 फिसदी धान की रोपनी हो सकी है। पर्याप्त बारिश नही होने के कारण प्रखंड के किसान धान की रोपाई नही कर पा रहे है। प्रखंड में कुल 4300 हेक्टेयर में धान की रोपनी होती है। लेकिन बारिश नहीं होने के कारण मात्र अनुमानित 230 हेक्टयर में ही धान की रोपाई हो सका है। कई प्रखंडों में सुखाड की आशंका के कारण विभाग ने अभी से ही वैकल्पिक तौर पर आकस्मिक योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।