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मदर्स डे : पढ़िए एक छात्रा की कविता, माँ की ममता का है वर्णन



[gidhaur.com | गुड्डू वर्णवाल]
मई महीने के दूसरे रविवार को मनाए जाने वाले
मातृ दिवस (मदर्स डे) प्रत्येक बच्चे और छात्र- छात्राओं के लिए साल का सबसे सुखद और अत्यधिक यादगार दिन होता है। मातृ दिवस वर्ष का एक विशेष दिन होता है जो भारत की सभी माताओं के लिए समर्पित है। स्कूली बच्चों के बीच इस दिन का उत्साह देखते बनता है।
इसी उत्साह को लेकर गिद्धौर की बेटी शुभांगना गौरव उर्फ कोमल ने अपनी एवं तमाम माताओं के सम्मान में एक कविता समर्पित की है।
क्षेत्र का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला पोर्टल गिद्धौर डॉट कॉम अपने पाठकों के सामने *शुभांगना* उस कविता को प्रस्तुत कर रही है जिसमें एक माँ का उनके परिवार एवं बच्चों पे समर्पित प्यार का साक्षात्कार वर्णन किया गया है।
" माँ अपनी गोद में
                 मुझको तू सुला ले
  माँ अपने आँचल में
                  मुझको तू छिपा ले।
तू अपने दुख दर्द को,
                  हम सबों से बांट ले।
दुख तेरे मन में है जो,
                  अब तू न छिपा ले।
अपनी खुशियाँ हम सब में बाटती,    
       गलतियों पर तु हमें सिखाती डॉटती।
प्यार दिखाती सब संग,
                   भरती तू सबमें उमंग।
कुछ कर जाने की,
                 कुछ दिखला जाने की।
हमारी खुशियों के वास्ते,
             तू अपनी खुशियां कुर्बान करती।
मेरी प्यारी मम्मी,
                    सबसे न्यारी मम्मी।
लाखों में एक मम्मी,
                     है सबसे न्यारी मम्मी।"

                 
यहाँ यह बता दें कि शुभांगना जमुई के कटौना स्थित ब्लैक डायमंड पब्लिक स्कूल के कक्षा-6 की छात्रा है। इनके परिजन बताते हैं कि शुभांगना को प्रारंभिक समय से ही कविता कहानियों में गहरा रुचि रहा है।