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मुंगेर लोकसभा सीट : कांटे की टक्कर में मतदाताओं की गोलबंदी अहम

पटना/सेंट्रल डेस्क [अनूप नारायण] :

बिहार का मुंगेर लोकसभा सीट बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में है. यहां से महागठबंधन से कांग्रेस के टिकट पर विधायक अनंत कुमार सिंह की पत्नी नीलम देवी को मैदान में उतारा है. वही एनडीए की तरफ से जदयू के कद्दावर नेता और बिहार सरकार के मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मैदान में है.

जातीय समीकरण व व्यक्तिगत प्रभाव के बल पर मुंगेर लोकसभा सीट का फैसला होना है. दोनों ही उम्मीदवार भूमिहार समुदाय से आते हैं. इस कारण से भूमिहार मतों की का बिखराव निश्चित ही होगा. कांग्रेस प्रत्याशी नीलम देवी को जहा यादव मुस्लिम दलित पिछड़ा व अनंत सिंह के प्रभाव वाले वोटो का भरोसा है. वही दूसरी तरफ ललन सिंह मोदी मैजिक और नीतीश कुमार के छवि के आधार पर जनता से वोट मांग रहे हैं.

कांटे की टक्कर में मतदाताओं की खामोशी दोनों उम्मीदवारो की धड़कन को बढ़ाएं हुए है.मुंगेर लोकसभा शुरू से ही हॉट सीट रही है। वर्ष 1964 और 1967 में डॉ. राम मनोहर लोहिया के अनुयायी और प्रखर समाजवादी मधु लिमये ने दो बार यहां से जीत दर्ज की। सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें मुंबई से बिहार लाई और मुंगेर से चुनाव लड़ाने के लिए सबसे मुफीद जगह समझा।

इस सीट पर बाहुबली और दिग्गजों की नजर
2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर बाहुबली और दिग्गजों की नजर है। एनडीए ने बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को मुंगेर से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। हालांकि महागठबंधन ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है।
मुंगेर का इतिहास काफी गौरवशाली और समृद्ध
उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे बसे मुंगेर का इतिहास काफी गौरवशाली और समृद्ध रहा है। सन 1761 में मुंगेर बंगाल के नवाब, मीर कासिम की राजधानी बनी। यहां के ऐतिहासिक किले का निर्माण मीर कासिम ने कराया। मुंगेर में हथियार निर्माण की आधारशिला भी मीर कासिम ने ही रखी थी। वर्तमान में मुंगेर योग नगरी के नाम से जाना जाता है। मुंगेर के जमालपुर में देश का सबसे पुराना और एशिया का पहला रेल कारखाना स्थापित है।
भूमिहार वोटों का ध्रुवीकरण किसी एक उम्मीदवार की तरफ
वर्ष 2009 के परिसीमन के पूर्व मुंगेर जिले में हवेली खड़गपुर विधानसभा क्षेत्र होता था। वर्ष 1952 के पहले विधानसभा चुनाव में डॉ. श्रीकृष्ण सिंह हवेली खड़गपुर से जीतकर बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने थे। मुंगेर संसदीय क्षेत्र में भूमिहार और अतिपिछड़े वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। लेकिन भूमिहार के वोटों का ध्रुवीकरण किसी एक उम्मीदवार की तरफ होता आया है। अब देखना है कि इस बार के चुनाव में ऊंट किस करवट बैठता है।

विकास की दौड़ में पिछड़ा मुंगेर
मुंगेर से पांच जिला कटने के बाद यह विकास की दौड़ में पिछड़ गया जबकि इससे निकले जिले विकास की दौड़ में आगे हो गये। यहां ना तो उद्योग-धंधे का समुचित विकास हो सका ना ही पुराने उद्योग जैसे बंदूक फैक्ट्री का ही विकास हुआ। जमालपुर रेल कारखाना अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। 22 हजार कर्मियों की जगह वर्तमान में महज पांच हजार कर्मी ही यहां कार्यरत हैं। धान का कटोरा कहे जाने वाले मुंगेर में हांफती सिंचाई परियोजनाओं ने भी किसानों की कमर तोड़ दी। रोजगार नहीं होने से लोगों का पलायन जारी है।

नए परिसीमन में पटना जिले तक पहुंची लोकसभा की सीमा
2009 में परिसीमन के बाद मुंगेर लोस क्षेत्र में छह विस क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया। लोस का दायरा तीन जिलों तक फैला है। इसकी सीमा मुंगेर के अलावा लखीसराय व पटना जिले तक फैली है। 1984 तक यहां कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा व1952 के बाद आठ बार कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया। इसके बाद अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। मुंगेर से कांग्रेस के देवेन्द्र यादव तीन बार चुने गये।

कौन जीते, कौन हारे
2014
जीते : वीणा देवी, एनडीए, 352911
हारे: ललन सिंह, जदयू, 243847

2009
जीते : ललन सिंह, जदयू, 374317
हारे : रामबदन राय, राजद, 184956

2004
जीते : जय प्रकाश यादव,राजद, 453286
हारे : मोनाजिर हसन, जदयू, 337359

वर्ष 2009 में परिसीमन के बाद मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में छह विधान सभा क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया.

कुल मतदाता: 1871193
पुरुष मतदाता: 1003415
महिला मतदाता: 867526
मतदान केंद्र: 1926
चुनाव चौथे चरण में: 29 अप्रैल को
थर्ड जेंडर: 252
वर्तमान सांसद : वीणा देवी

मुंगेर से पहली महिला सांसद बनने का गौरव
2014 के लोस चुनाव में एनडीए से लोजपा की प्रत्याशी वीणा देवी पहली बार मुंगेर की सांसद बनीं और मुंगेर से पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी ललन सिंह को 109064 मतों से शिकस्त दी थी। इससे पहले 2008 में नवादा विस से भी वीणा देवी ने किस्मत आजमाया था पर भाजपा के भोला सिंह ने उन्हें पराजित कर दिया था।