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जमुई के 10 गाँवों में लगेंगे ‘नाडेप कम्पोस्ट यूनिट’, गुणवत्तापूर्ण खाद का होगा उत्पादन



[न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा ] :-

 कृषि क्षेत्र में विभिन्न समस्याओं से जूझने वाले जमुई जिले के दिन बहुरने वाले हैं. जी हाँ, वो इसलिए क्यूंकि बिहार राज्य के 13 जिले में कुल 2,600 नाडेप कम्पोस्ट यूनिट बनाने का पहल आरम्भ कर दिया गया है. इन 13 जिलों में जमुई जिला भी शामिल है. खबर है कि, कृषि कल्याण योजना के तहत किसानों को जैविक खाद उपलब्ध कराने के लिए कुल 13 जिले का चयन किया गया है. जहां प्रत्येक जिले के 10-10 गाँवों का चयन कर वहां 20 की संख्या में यूनिट लगाई जायेगी|
    विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र निवासी नारायण देवराव पाण्डेय (कृषक) द्वारा ये विधि विकसित की गयी है. इनके ही सम्मान में इस योजना का नाम नाडेप रखा गया है. किसानों के इस महत्वाकांक्षी योजना में जमुई जिले के अलावे पूर्णिया, कटिहार, अररिया, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगुसराय, गया, नवादा, औरंगाबाद, खगड़िया, शेखपुरा सहित बांका जिला भी शामिल है.
स्थानीय किसानों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि इस विधि के लिए जमुई जिले का चयन होना हमलोगों के लिए हर्ष की बात है. नाडेप कम्पोस्ट यूनिट से जिले में हो रहे खाद की कालाबाजारी पर बहुत हद तक वीराम लग सकेगा.


          हाल ही में कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इस सन्दर्भ में मीडिया से ये जानकारी साझा करते हुए बताया कि  नाडेप विधि किसानों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा. इस विधि में गाय के गोबर एवं मूत्र तथा घास-फूस के जरिये जैविक प्रक्रिया से खाद का निर्माण होगा, जिससे बिहार के 13 जिले में गुणवत्तापूर्ण, शुद्ध, व बिन मिलावट वाली खाद का निर्माण संभव हो सकेगा. 
कृषि विकास योजना के मापदंडों के अनुरूप तक़रीबन 1.82 करोड़ के  खर्च  में  इस योजना का कार्यान्वयन परंपरागत तरीके से पूरी पारदर्शिता के साथ किया जायेगा. सूबे के इन 13 जिले में नाडेप विधि किसानों की ख़ुशी का कारण बनने को लेकर अपना कदम बढ़ा चूका है.|