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सिमुलतला : सुभाषचंद्र बोस के पौत्र बोले - रोजगार से जुड़कर होगा मठ का उत्थान


सिमुलतला (गणेश कुमार) : स्वामी विवेकानंद द्वारा प्रथम स्थापित आनंदपुर राम कृष्ण मठ सिमुलतला जो बेलूर मठ से पहले 1916 में स्थापित की गयी थी। आज खंडहर अवस्था में बदहाली के कगार पर है। फरिस्ता के तरह मठ के उत्थान के लिए आगे आये स्वतंत्रता सेनानी के प्रबल दाबेदार के प्रपोत्र नमो सेना के अध्यक्ष सोमनाथ बोस को को लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। विदित हो कि श्री बोस युवा दिवस के अवसर पर मठ के प्रभारी स्वामी चितदानंद के आमंत्रण पर पहली बार सिमुलतला की धरती पर कदम रखे।

श्री बोस को स्वामी विवेकानंद की सिमुलतला से जुड़े जीवनी के बारे में जानकारी मिली और बदहाल मठ को देखा तो उनका हृदय उनसे कुछ कहने लगा, उन्होंने कहा स्वामी जी स्वास्थ लाभ के लिए यहाँ समय ब्यतीत कर चुके, विवेकानंद की सम्पूर्ण भ्रमण की पुस्तक में सिमुलतला का जिक्र यह सिद्ध करता है और मठ की स्थापना की प्रारम्भ जहां से हुई वो जगह इतनी बदहाल हो, फिर मैंने सोचा जिनके मार्गदर्शन पर पूरा विश्व चलता है, उनके इच्छा को हम ऐसे कैसे छोड़ सकते है, मैंने इसे समाज से जोड़ने पर निश्चय किया। बोस ने कहा हर प्राणी में शिव है, हर जीव में ब्रह्मा बिराजमान है। हम प्रयास करेंगे कि रोजगार से जुड़कर मठ का उत्थान हो।

कमिटी के किया जाएगा पुनर्गठन
महिलाओं और युवाओं को साथ रखकर शिक्षा शास्त्र एवं रोजगार का प्रशिक्षण दिया जयेगा। जो मठ को समाज से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी, एवं पुराने कमिटी को रद्द कर कमिटी पुनर्गठित की जाएगी जिससे बिकास कार्य मे शीघ्रता आएगी। कोई भी संगठन आम आदमी के बिना नही चल सकता। इसलिए इस मठ को एक प्रतिष्ठान के रूप में आगे के जाएंगे। इस बिकास कार्य मे नमो सेना का भी साथ मिलने का आश्वाशन दिया।

प्रत्येक माह कोलकाता के डॉक्टर के द्वारा हेल्थ केम्प का होगा आयोजन
पत्रकारों द्वारा जीर्णोद्धार एवं प्रशिक्षण शिविर की समय सीमा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अभी चुनाव का समय चल रहा है चुनाव खत्म होते ही प्रशिक्षण शिविर का कार्य प्रारम्भ किया जाएगा। इसके साथ साथ प्रत्येक माह हेल्थ केम्प का आयोजन किया जाएगा, जिसमे डॉक्टर, दवाई आदि सारी ब्यवस्था कोलकाता से लाई जाएगी। यहाँ महिलाओं के लिए अस्पताल भी खोला जाएगा।

नैपकिन व जुट की बैग का होगा निर्माण
वहीं कार्य भार संभालने आयी संगीता झा जो मैनजेमेंट हेड के रूप में कार्यरत की जाएंगी उन्होंने बताया कि मठ का विकास एवं महिलाओं को ध्यान ने रखते हुए नैपकिन मैन्युफेक्चर का कार्य किया जाएगा, साथ ही युवाओं के लिए जुट का बैग, टोपी आदि तैयार किया जाएगा। स्थानीय परिवेश को ध्यान में रखते हुए ऐसे प्रोडक्ट का चयन किया गया है। प्राम्भ में प्रशिक्षण देने के उपरांत रॉ एंड मेटेरियल का व्यवस्था किया जाएगा। इस दौरान सभा मे नारायण प्रसाद देय, पल्लवी, प्रतीक दा, सुजीत साह सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।