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फिर विवादों में है बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, जानिए क्या है मामला

पटना (अनूप नारायण) :
बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ के खिलाफ पाटलिपुत्र साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष विश्व मोहन चौधरी 'संत' ने मोर्चा खोला है। संत ने अनिल सुलभ पर तानाशाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अवधि पूर्ण हो जाने के बावजूद भी बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने चुनाव नहीं कराया है। शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संत ने बताया कि नियमतः बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। लेकिन अनिल सुलभ अलोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष के पद पर बैठे हुए हैं।

जिसको लेकर बिहार के साहित्यकारों में रोष है।
प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि 1 अक्टूबर 2018 को ही अनिल सुलभ अपने 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके है। कार्यकाल पूरा हो जाने के बावजूद उन्होंने ना चुनाव की अधिसूचना जारी की है और ना ही कार्यसमिति की कोई बैठक बुलाई है। इससे उनकी मंशा साफ है कि वे तानाशाही तरीके से बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पर कब्जा करना चाहते हैं। विश्व मोहन चौधरी संत ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष का पावर सीज कर शासन-प्रशासन की देखरेख में लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव करा बिहार के सबसे बड़े साहित्यिक केंद्र को बचाने का आग्रह किया है।

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