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धोरैया : हाल प्रखंड मुख्यालय का, न शौचालय उपयोग लायक न पानी पीने योग्य


{धोरैया (बांका) | अरूण कुमार गुप्ता} :-

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का नजारा धोरैया में कम ही देखने को मिल रहा है।सरकार स्वच्छता अभियान चलाकर घर-घर शौचालय बनाकर प्रखंड को खुले मे शौच मुक्त बनाने में जुटी है। मगर धोरैया प्रखंड में इसका उल्टा नजारा है। ग्रामीणों ने कहा कि जिस प्रखंड मुख्यालय से प्रखंड कर्मी गांव को स्वच्छ बनाने की सलाह देते हैं। वही प्रखंड मुख्यालय का शौचालय इतना काफी गंदा है। कि शौचालय जाने के पहले ही लोगों को गंदगी देख जी मिचलाने लगता है। एक तरफ जहां प्रशासन हर घर में शौचालय का निर्माण कराकर पूरे प्रखंड को ओडीएफ बनाने में जुटा है। इसके लिए प्रखंड की सभी 20 पंचायतों में शौचालय निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। समय समय पर डीडीसी समेत तमाम विभागीय पदाधिकारी समीक्षा बैठक कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं, वहीं धोरैया प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में निर्मित शौचालय उपयोग के लायक नहीं है, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है। जहां से प्रखंड की सारी विकास योजनाएं संचालित होती हैं। सभी गांवों से ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं। बावजूद वहां शौचालय का उपयोग के लायक नहीं रहना कई सवाल खड़ा करता है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।

बता दें कि प्रखंड मुख्यालय के ठीक पीछे और प्रखंड स्थित सभा भवन के समीप ही शौचालय है ,लेकिन गंदगी इतनी कि देख के आ जाय लोगों को उपकाई। जबकि इसी सभा भवन से प्रत्येक शनिवार को पदाधिकारी द्वारा स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है लेकिन उनकी नजदीक फैली गंदगी दिखाई नही देती। शौचालय के बाहर झाड़ी उग आई है, जिस कारण लोग शौचालय में जाना पसंद नहीं करते हैं। इसकी साफ-सफाई पर भी पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है।

पेयजल की भी समस्या:

प्रखंड परिसर में पेयजल की भी समस्या गंभीर है। कहने का तो प्रखंड के अंदर एक सार्वजनिक चापानल है, लेकिन चापानल से ठीक से पानी नहीं निकलता है। चापाकलों से निकलने वाला पानी में आयरन की मात्रा अधिक है, जिससे पानी खारा निकलता है। जो पीने लायक नही है। जिससे प्रखंड आने वाले लोगों को आये दिन पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है जिससे स्थानीय दुकानदारों की खरी खोटी भी लोगों को सुनने के लिए मिलती है।

स्थानीय प्रखंड मुख्यालय स्थित सार्वजनिक शौचालय उचित रखरखाव व साफ-सफाई न होने के कारण गंदगी से भरा है। फलतः आमजनों को घोर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। एक ओर सरकार सभी के लिए चाहे एपीएल हो या बीपीएल हर के घर में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय का निर्माण करा रही है। वहीं दूसरी ओर प्रखंड मुख्यालय स्थित शौचालय व प्रसाधन उचित देखभाल के कारण गंदगी से भरा पड़ा है। वो भी गंदगी ऐसी कि देख के आ जाये उपकाई।

प्रखंड कार्यालय से प्रत्येक वर्ष गांवों के विकास के लिए करोड़ों रुपये दिये जाते हैं। वहीं प्रखंड मुख्यालय में शौचालय  व चापानल के उचित देखभाल नहीं होने के कारण स्थिति दयनीय है।

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