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सूर्यावत्स ने की अपील, बांस के बर्तन से ही मनाएं आस्था का महापर्व


{न्यूज डेस्क | अभिषेक कुमार झा}

समाज में जनचेतना को लेकर सदैव तत्पर रहने वाले जिले के जाने माने समाजसेवी सूर्यावत्स सिमुलतला पहुँचे, जहाँ उन्होंने आस्था का महापर्व छठ को परंपरागत तरीके से मनाने को लेकर लोगों से अपील की।
सिमुलतला चौक पर कार्यक्रम करते हुए सूर्यावत्स ने लोगों को बताया कि छठ पर्व उत्सव सादगी और सच्ची पवित्रता के साथ मनाए जाने वाला पर्व है, जिसे महिला और पुरुष सामान्य रूप से मनाते हैं। बांस से निर्मित सूप, टोकरी, व मिट्टी के बर्तन जो इस पर्व में उपयोग होता है फिर दूसरे दिन कार्य में नहीं लाया जाता है, इस कारोबार से जुड़े आदिवासी समाज के लोगों को सीधा लाभ पहुँचाया जा सकता है, लेकिन इससे जुड़े लोग जो रोज दो जून की रोटी के लिए मशक्कत करते है, वो बांस से बने सामान अपने माथे पर लेकर घर-घर घुमते हैं,कोई लेने वाला नहीं होता हैं, इन सब बातों को भुलाकर आधुनिक बर्तनों का प्रयोग कर रोज काम में लाने लगते है, जिससे पर्व की महत्ता कम होती है।

उक्त भावनात्मक बातों को जनता के बीच रखते हुए समाजसेवी सूर्यावत्स ने लोगों से आग्रह किया की छठ में बॉस के बने सामान का ही उपयोग करें क्योंकि भक्ति और श्रद्धा का ऐसा अद्भुत संगम सिर्फ छठ में ही दिखाई पड़ता है। बांस से निर्मित सूप, टोकरी, व मिट्टी के बर्तन, आज इसका स्थान आधुनिक युग के साधन ले रही है,जो हमारी भारतीय संस्कृति पर सीधा असर ड़ाल रहा है और इस रोजगार से जुड़े लोग बेरोजगार हो रहे हैं । जिससे हमारे परंपरा पर प्रतिकूल असर पड रहा है।

सूर्यावत्स के इस कार्यक्रम में तबारक हुसेन सालाफी, आनन्दी यादव, बैजनाथ ठाकुर,राजेन्द्र साह,रविन्द्र सिंह,भुनेश्वर यादव,गौविन्द तुरी,सोनु कुमार,रेखा देवी,रीता देवी,राज सिंह, काली यादव, अदेन ठाकुर, चुटा यादव समेत दर्जनों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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