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रेवती नक्षत्र में शरद पूर्णिमा कल, लक्ष्मी पूजा से होगा धन लाभ


पटना   (अनूप नारायण)
: आश्विन माह के पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है I इसी दिन से शरद ऋतु  का आरंभ भी माना गया है I शारदीय पूर्णिमा को चन्द्रमा की सोलह कलाओं की कलाओं के साथ अपनी शीतलता पृथ्वी पर प्रसारित करता है। इसी दिन धन की देवी माता लक्ष्मी चंद्रलोक से पृथ्वी पर आती है I यह पूर्णिमा सभी बारह पूर्णिमाओं में सबसे सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा के प्रकाश में औषधीय गुण मौजूद रहते हैं जिनमें कई असाध्य रोगों को दूर करने की शक्ति होती है I इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है। प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण भगवान कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था I
                      कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि शरद पूर्णिमा कल 24 अक्टूबर दिन बुधवार को रेवती नक्षत्र एवं हर्षण योग के युग्म संयोग में मनायी जाएगी I इस दिन रेवती नक्षत्र और हर्षण योग होने से इसकी महत्ता और बढ़ गयी है I रेवती नक्षत्र कुल 27 नक्षत्रो में सबसे अंतिम नक्षत्र है I इस नक्षत्र को धन के अधिपति भी माना जाता है I हर्षण योग यानि हर्ष अर्थात खुशी, प्रसन्नता। अत: इस योग में किए गए कार्य प्रसन्नता प्रदान करते हैं। इस दिन संध्या में माता लक्ष्मी की पूजा-आराधना करने से धन लाभ एवं ऐश्वर्य में वृद्धि होगी I

पंडित झा ने कहा कि शरद पूर्णिमा की रात भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। खीर को पूर्णिमा वाली रात छत पर रखें। भोग लगाने के बाद उस खीर का प्रसाद ग्रहण करें। उस उपाय से आपको पैसे की कमी नहीं होगी। इसी पूर्णिमा को रात में हनुमान जी के सामने चौमुखा दीपक जलाने से घर में सुख शांति बनी रहती है I मां लक्ष्मी की कृपा पानें तथा आर्थिक संकटों से छुटकारा पाने के लिए पूर्णिमा की रात्रि में अपने घर में घी के 21 दीपक जलाकर श्रीसूक्त का 51 बार पाठ करना चाहिए I समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा के रात्रि में माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की आराधना एवं विष्णुसहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए I
चंद्र की किरणें बरसाएंगी अमृत
ज्योतिषी पं० राकेश झा ने कहा कि शरद पूर्णिमा के रात्रि में चंद्रमा की  सोममय  रश्मियां  पेड़ पौधों और वनस्पतियों पर पड़ने से उनमे भी अमृत का संचार हो जाता है । रात में चन्द्र की किरणों से जो अमृत वर्षा होती है, उसके  फल स्वरुप घरो के छतो पे रखा खीर अमृत सामान हो जाती है। उसमें चंद्रमा से जनित दोष शांति और आरोग्य प्रदान करने की क्षमता  स्वतः आ जाती है। यह प्रसाद ग्रहण करने से प्राणी को मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है I चंद्र की पीड़ा के कारण जातक को कफ, खांसी, सर्दी-जुकाम, अस्थमा, फेफड़ों और श्वांस के रोग संबंधी परेशानियां रहती है I शरद पूर्णिमा के दिन चन्र्द का अवलोकन व आराधना तथा शीतल खीर का प्रसाद ग्रहण करने से इन रोगो से मुक्ति मिलती है I जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में न लगता हो वे इस दिन चन्द्र यन्त्र धारण करके परीक्षा  या  प्रतियोगिता में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

शरद पूर्णिमा का महत्व
पटना के ज्योतिष विद्वान् पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि आश्विन पूर्णिमा यानि शारद पूर्णिमा  देवों के चतुर्मास के शयनकाल का अंतिम चरण होता है। पौराणिक मान्यताओं  के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए सुख, सौभाग्य, आयु, आरोग्य और धन-संपदा की प्राप्ति के लिए इस पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।  इस रात को मां लक्ष्मी स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर प्रकट होती हैं। इस रात जो मां लक्ष्मी को जो भी व्यक्ति पूजा करता हुआ दिखाई देता है। मां उस पर कृपा बरसाती हैं। मां लक्ष्मी को सुपारी बहुत पसंद है। सुपारी का इस्तेमाल पूजा में करें। पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेटकर उसको अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करके उसे तिजोरी में रखने से धन की कमी नहीं धनाभाव नहीं होता है I 
शरद पूर्णिमा को माता लक्ष्मी की पूजा के शुभ मुहूर्त:-
निशीथ काल:-  संध्या 05:36 बजे से रात्रि 11:11 बजे तक
स्थिर लग्न:-  शाम 06:38 बजे से 07:21 बजे तक
राशि के अनुसार करे ये उपाय,  पूरी होगी मनोकामना
पंडित राकेश झा शास्त्री ने कहा कि आश्विन मास के शरद पूर्णिमा के दिन राशि के अनुसार विशेष उपाय करने से जातको को धन, ऐश्वर्य में वृद्धि के साथ  रोग, शोक आदि से भी छुटकारा मिलेगा I माता लक्ष्मी की विशेष अनुकम्पा के साथ कुबेर का भी आशीर्वाद मिलेगा I इस सबके अलावे श्रद्धालु को सेहत, अपार प्रेम, बल और अचल सम्पति का लाभ भी होगा I
मेष राशि:-  मेष राशि वाले शरद पूर्णिमा के दिन कन्याओं को खीर खिलाएं और चावल को दूध में धोकर बहते हुए जल में प्रवाह करे ,ऐसा करने से समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी I
वृष राशि:- वृष राशि वाले शरद पूर्णिमा के दिन दही और गाय का घी मंदिर में दान करे, ऐसा करने से इस जातक को समस्त भौतिक सुख-सुविधाएं में वृद्धि होगी I
मिथुन राशि:-  मिथुन राशि के जातक शरद पूर्णिमा के दिन दूध और चावल का दान करना चाहिए I
ऐसा करने से इस राशि वालों की व्यापार तथा कार्य क्षेत्र में लाभ के साथ साथ उन्नति के मार्ग भी खुलेगे I
कर्क राशि:- इस राशि के जातक शरद पूर्णिमा के दिन मिश्री मिला हुआ दूध मंदिर या गरीबो में दान करे, ऐसा करने से मानसिक तनाव से छुटकारा मिलेगा I
सिंह राशि :- ये राशि वाले इस शरद पूर्णिमा के दिन मंदिर में गुड़ का दान करें, ऐसा करने से जातक की आर्थिक स्थिति में वृद्धि के आसार होंगे I
कन्या राशि:-  कन्या राशि के जातक आश्विन पूर्णिमा यानि शरद पूर्णिमा के दिन कन्याओं को खीर खिलाने से विशिष्ट धन लाभ एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी I
तुला राशि:- इस राशि के जातको को इस शरद पूर्णिमा के दिन दूध, चावल व शुद्ध घी का दान करना चाहिए I  इससे धन, ऐश्वर्य तथा सौभाग्य बढ़ेगा I
वृश्चिक राशि:-  शरद पूर्णिमा के दिन मंगल देव से संबंधित वस्तुओं तथा कन्याओं को दूध व चांदी का दान दें, ऐसा करने से जातको को समस्त कष्ट दूर से मुक्ति और सुख-शांति की प्राप्ति होगी I
धनु राशि:- धनु राशि वालो को इस दिन चने की दाल और पीले कपड़े कन्याओं या गरीबों को दान दे I ऐसा करने से आपके समस्त कष्ट दूर हो होंगे I
मकर राशि:- इस के जातक शरद पूर्णिमा के दिन बहते पानी में चावल प्रवाहित करे I इससे समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी I
कुंभ राशि:-  कुंभ राशि के जातक शरद पूर्णिमा के दिन दृष्टिहीनों या कुष्ट रोगी को अन्न का दान करे I इससे सभी सरकारी कार्य में रुकावट दूर होगी,साथ ही शारीरिक कष्ट भी दूर होंगे I
मीन राशि:- मीन राशि के जातक इस शरद पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराये, इससे सुख, ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है I