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अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन ग्रह-गोचरों के शुभ संयोग में करेंगी करवा चौथ

धर्म एवं अध्यात्म (अनूप नारायण) : 27 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ 11 सालो के बाद बन रहा है राजयोग

अखंड सुहाग के लिए सुहागिन महिलाएं कल कार्तिक कृष्ण चतुर्थी में  27 अक्टूबर दिन शनिवार को कृतिका उपरांत रोहिणी नक्षत्र में मनाएंगी I पति की लंबी उम्र एवं उन्नत गृहस्थ जीवन के इस वर्ष का यह व्रत अत्यंत शुभ योग में मनाई जाएगी I 

कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि करवा चौथ के दिन पुरे 27 वर्षो के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ 11 वर्षों के बाद इस दिन राजयोग भी बन रहा है I पुरे तीन उत्तम योग होने से यह व्रत और भी पुण्यप्रद हो गया है I राजयोग पिछली बार 2007 में लगा था और अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग सन 1991 के बाद 2018 में बन रहा है I इस दिन व्रती सुहागिन महिलाएं भगवान भोलेनाथ, गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय एवं चन्द्रमा की पूजा करने के बाद चंद्र को चलनी से देखती है और उन्हें अर्घ देती है I पंडित झा ने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की आराधना करने से अचल सम्पति, धन-धान्य के अलावे दाम्पत्य सुख का आशीर्वाद मिलता है I

ज्योतिषी पंडित राकेश झा ने कहा कि चलनी से चंद्र दर्शन के बाद अपने पति को उसी चलनी से देखती है I शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार चलनी से पति को देखने से पत्नी के व्यवहार और विचार दोनों छन कर शुद्ध हो जाते है I पति के लिए किया जाना वाला इस व्रत के बारे में संत कवि तुलसीदास ने रामचरित मानस में वर्णित किये है कि-

‘मातु पिता भगिनी प्रिय भाई। प्रिय परिवारु सुहरद समुदाई I  सासु ससुर गुर सजन सहाई। सुत सुंदर सुसील सुखदाई॥

   जहं लगि नाथ नेह अरु नाते पिय बिनु तियहि तरनिहु ते ताते ।  तनु धनु धामु धरनि पुर राजू। पति बिहीन सबु सोक समाजू॥'

अर्थात,  माता, पिता, बहन, प्यारा भाई, प्यारा परिवार, मित्रों का समुदाय, सास,ससुर, गुरु, स्वजन, सहायक और सुंदर सुशील और सुख देने वाला पुत्र, हे नाथ! जहां तक स्नेह और नाते हैं, पति के बिना स्त्री को सभी सूर्य से बढ़ कर तपाने वाले हैं। शरीर, धन, घर, पृथ्वी, नगर और राज्य, पति के बिना स्त्री के लिए यह सब शोक का समाज है।

इन मंत्रों से करे पूजा मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान

माता पार्वती - ॐ उमा दिव्या नम:,  भगवान शिव के लिए - ॐ नमः शिवाय, ॐ षण्मुखाय नमः से कार्तिकेय का, ॐ गणेशाय नमः से गणेश का और ॐ सोमाय नमः से चंद्रमा का पूजन करने से मनोकामना पूर्ण तथा अखंड सौभाग्य का वरदान भी मिलेगा ।

करवा चौथ मुहूर्त:-

संध्या पूजा मुहूर्त: शाम 5:40 बजे से 6:47 बजे तक

चंद्रोदय को देखने का समय:- संध्या 7 बजकर 38 मिनट पर

चन्द्रमा को अर्घ्य देने का मुहूर्त :- संध्या 07:59 बजे से बाद

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