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PMCH-NMCH के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, काम पर लौटे


[पटना]    ~अनूप नारायण
जूनियर डॉक्टरों के 3 दिनों के हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थी///
पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (पीएमसीएच) और नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (एनएमसीएच) के जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को हड़ताल खत्म कर दी और काम पर लौट आए। एनएमसीएच के डॉक्टर की पिटाई के विरोध में मंगलवार को सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। इलाज नहीं मिलने की वजह से 3 दिनों में 11 मरीजों की मौत हो गई। इमरजेंसी और ओपीडी के जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से राजधानी के दोनों बड़े सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थी।
*पीएमसीएच में 30 ऑपरेशन टले*
हड़ताल की वजह से गुरुवार को पीएमसीएच में 30 ऑपरेशन टालने पड़े। परिजन मरीज को प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाने को विवश हो गए। सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को हुई जो प्राइवेट हॉस्पिटल का बिल नहीं भर सकते।
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विनय ने कहा कि सरकार सिर्फ आश्वासन देती है। कभी पीएमसीएच के डॉक्टरों की सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया जाता। सुरक्षा देने की हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो आगे फिर हड़ताल करेंगे।
*स्वास्थ्य मंत्री बोले-डॉक्टरों की सुरक्षा से नहीं होगा कोई खिलवाड़*
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि डॉक्टरों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है और उनके साथ कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। प्रधान सचिव जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर विचार कर रहे हैं। पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। डॉक्टरों से मारपीट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंगलवार शाम जूनियर डॉक्टरों ने एक मरीज की मौत के बाद परिजनों को शव सौंप दिया था। परिजन शव लेकर चले गए और थोड़ी देर बाद शव को वापस ले आए। परिजनों का कहना था कि डॉक्टरों ने जिंदा मरीज को मृत घोषित कर दिया। समझाने के बाद भी परिजन नहीं माने और जूनियर डॉक्टरों से मारपीट की। लगातार हो रही मारपीट की घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने काम का बहिष्कार कर दिया था और हड़ताल पर चले गए थे।