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जमुई को मिला चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल का तोहफा, DPR तैयार

   [जमुई | इनपुट सहयोगी]

बिहार के मानचित्र की भाषा में नक्सलियों का गढ़ का जाने वाला जमुई जिला, सरकारी नजरिए में अग्रसर रहती है। हर बार इस जिले को कुछ न कुछ सौगात मिल ही जाती है, तभी तो जमुई के लोगों को सरकार की ओर से चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के रूप में दिए गये तोहफे के रूप में भूमि चयन की प्रक्रिया पूर्ण हुई। पटना में बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई 31 जुलाई को मंत्री परिषद की बैठक में नक्शल प्रभावित क्षेत्र, जमुई जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की विभागीय प्रक्रियागत निर्णय लिया गया।
इस बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जिले के खैरा अंचल अंतर्गत बेला मौजा के थाना संख्या-108, खेसरा संख्या- 1418(अंश), रकबा 19.00 एकड़ तथा खाता संख्या-193 ,खेसरा संख्या- 1460(अंश) रकबा 8.00 एकड़ कुल मिलाकर 27.00 एकड़ रकबा की गैरमजरूआ जमीन को चिन्हित करते हुए पूर्ण किया गया। पूर्ण रूप से चिन्हित गैरमजरूआ 27 एकड़ जमीन को सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल भवन की स्थापना के लिए स्वास्थ्य विभाग बिहार को अंतर-विभागीय हस्तांतरण के संबंध में निर्णय लिया।
       जमूई जिले में चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल स्थापना के लिए चिन्हित गैरमजरूआ जमीन संबंधित पहली प्रक्रिया को बिहार सरकार द्वारा पूर्ण करने पर जमुई लोजपा सांसद चिराग पासवान ने खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की चिरपरिचित मांग को पूरा करने वाली बिहार सरकार पूरी तरह से बधाई के पात्र हैं। जदयू नेता व पूर्व विधायक सुमित कुमार ने भी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के खुलने पर गरीबों तथा आर्थिक रूप से विपन्न लोगों को अब बड़े इलाज के लिए दिल्ली या पटना नहीं जाना पड़ेगा। इसकी सुविधा अब जमुई में ही उपलब्ध होगी।
जदयू नेता ई. शंभुशरण ने भी कहा कि बिहार में जब कोई नई शुरुआत होती है तो उसमें हमारा जमुई जिला जरूर शामिल रहता है। जिले के सुदूरवर्ती इलाका खैरा प्रखंड में मेडिकल कालेज सह अस्पताल खोलने के निर्णय से यह पूर्ण रूप से स्पष्ट हो गया कि जमुई जिला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल मे है इसके लिए मैं उन्हें थे दिल से बधाई देता हूँ।
इसी ख़ुशी के मौके पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने के निर्णय पर भाजपा नेता और पूर्व बिधायक अजय प्रताप ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि हमारे इलाके में कॉलेज के खुलने से जमुई जिला सहित आसपास के जिले के आम लोगों के स्वास्थ्य और शिक्षा में भी ब्यापक बदलाव का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
     इस ख़ुशी की घड़ी में जमुई जिले के खैरा प्रखंड में मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के लिए चिन्हित किये गए 27 एकड़ जमीन पर सवाल उठाते हुए जमुई के राजद विधायक और पूर्व श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि जब 50 एकड़ जमीन की आवश्यकता थी तो किस परिस्थिति में 27 एकड़ जमीन में मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की स्थापना का निर्णय सरकार की तरफ से लिया गया है। इस मामले की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर जल्दी ही सरकार के सामने मामले को उठाएंगे।
जबकि बिहार सरकार द्वारा जमुई जिले में चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल की स्थापना किये जाने के निर्णय के बाद ही जमुई जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार द्वारा जिले के कई स्थानों पर जमीन निरीक्षण का कार्य किया गया। उन गांवों में नुमर, बेला, बल्लोपुर, सोनपे समेत बरहट-गिद्धौर प्रखंड सीमा पर स्थित गुगुलडीह जैसे कई गांव में सरकारी जमीनो का निरीक्षण किया गया था।

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