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जमुई : सर्वोत्तम कार्य प्रणाली के दस्तावेजीकरण को लेकर कार्यशाला आयोजित

[जमुई | इनपुट सहयोगी]

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित सतत विकास की अवधारणा संबंधी सर्वोत्तम कार्य प्रणाली के दस्तावेज़ीकरण और संकलन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन आयरन के द्वारा किया गया।  कार्यक्रम का उद्घाटन संतोष गुप्ता, निर्मल सिंह, वरुण जी, सुदामा जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आई. एस. आर. एन. के सीईओ संतोष गुप्ता ने बताया कि अंत्योदय आधारित सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के संकलन और दस्तावेजीकरण कि जो परियोजना है, उसमें देश भर में अच्छे कार्य करने वाली संस्था या व्यक्ति, जो देश के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए जो कार्य कर रहे हैं उसे राष्ट्रीय स्तर पर संकलित कर उनका दस्तावेजीकरण होगा। चुने हुए अच्छे कार्यों का प्रचार-प्रसार संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा किया जाएगा। इस संबंध में श्री गुप्ता ने विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के 22 जिलों से आए हुए विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि अपने-अपने जिला में ऐसे लोग हैं जो समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए विशेष कार्य कर रहे हैं, उन लोगों को ढूंढकर उनके बारे में लिखते हैं और उनका अध्ययन करते हैं, तो देश के सामने लाने में आप का अहम योगदान रहेगा। उनके अच्छे कार्य को उजागर करने में आप के योगदान का भी जिक्र रहेगा। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती ऋषियों-मुनियों एवं विद्वानों की धरती रही है, यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उन्होंने नलिनी फाउंडेशन के सचिव निर्मल सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि निर्मल जी ने तीन-चार दिनों के सूचना पर विभिन्न जिलों के संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इस कार्यक्रम से जोड़ने में काफी महत्वपूर्ण एवं सराहनीय कार्य किया है। वह सामाजिक गतिविधियों में काफी सक्रिय भाग लेते हैं। आई एस आर एन के कार्यक्रम पदाधिकारी नम्रता सिंह ने मंच का संचालन काफी सराहनीय ढंग से किया। उन्होंने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी संस्थाओं के प्रतिनिधि अपने-अपने जिले में अच्छे कार्य कर रहे व्यक्ति को चिन्हित कर उसका विस्तृत ब्यौरा 30 अगस्त 2018 तक अवश्य भेज दें।



कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए निर्मल कुमार सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि बिहार से अच्छी संख्या में अच्छे कार्य कर रहे व्यक्तियों की कहानियां भेजी जाएगी और राष्ट्रीय स्तर पर पुनः बिहार की नई पहचान बनेगी। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सिंह ने मुरारी जी की विशेष प्रशंसा की साथ ही सुदामा जी, प्रोफेसर लक्ष्मी जी, निखिल कुमार आदि के सहयोग की सराहना की।

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