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ग्रह गोचर के शुभ संयोग में मनेगी नागपंचमी, मिलेगी कालसर्प दोष से मुक्ति



[पटना]     ~अनूप नारायण
सावन शुक्ल पंचमी जिसे नाग पंचमी के नाम से जाना जाता है का त्योहार 15 अगस्त दिन बुधवार को हस्त नक्षत्र और साध्य योग में मनाया जाएगा I इस युग्म संयोग में नाग पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति का अत्यंत श्रेष्ठ समय माना जाता है I
कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा 'शास्त्री' ने बताया कि  इस दिन नाग पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से संध्या  04 बज कर 13 मिनट तक है I  इस दिन जो लोग नाग पूजा और काल सर्प योग की साधना आदि करते हैं वे प्रातः 11 बज कर 48 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट के मध्य में अपनी पूजा कर लें I   ये सर्प पूजा का सबसे उत्तम शुभ मुहूर्त है I जहां सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को उत्तर भारत में नाग पूजा की जाती है, वहीं दक्षिण भारत में यह पर्व कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है I
भविष्य पुराण के अनुसार सावन महीने की पंचमी नाग देवता को समर्पित है यही कारण है कि इसे नागपंचमी कहा जाता है I इस दिन सर्पों के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है I दूध और लावा चढ़ाया जाता है I  भगवान भोलेनाथ को सर्प अत्यंत प्रिय हैं इसीलिए उनके प्रिय माह सावन में नाग पंचमी का त्योहार आता है जिसे श्रद्धापूर्वक विधि विधान से मनाने पर भगवान शिव प्रसन्न हो कर मनचाहा वरदान देते है I
*नागपंचमी पूजन और सर्पदोष से मुक्ति
ज्योतिषी राकेश झा 'शास्त्री'  ने बताया कि गरूड़ पुराण के अनुसार सावन के कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष को नागपंचमी के दिन व्रत भी रखते है I व्रत करने वाले श्रद्धालु मिट्टी या आटे का सर्प बनाकर उन्हें विभिन्न रंगो से सजाते है और सजाने के बाद फूल, खीर, दूध, लावा, धुप, दीप आदि से उनकी पूजा करते है I नाग देवता को पंचमी तिथि का स्वामी माना जाता है I इस दिन सर्प के प्रकोप से बचने के लिए नाग पंचमी की पूजा की जाती हैं I जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें इस दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए, इस दिन पूजा करने से कुंडली का यह दोष समाप्त हो जाता है I नाग पूजा के बाद "ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्" मंत्र से इनकी प्रार्थना करने से सर्पदोष एवं कालसर्प दोष के मुक्ति मिलती है I इस दिन सर्पों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है।
*मनसा देवी की पूजा
पंडित राकेश झा  ने कहा कि उत्तरी भारत में नाग पंचमी के दिन मनसा देवी की भी पूजा की जाती है I  देवी मनसा को नागों की देवी माना गया है I  इसीलिए बंगाल, उडिसा और अन्य क्षेत्रों में मनसा देवी के दर्शन व उपासना भी किया जाता है I नागपंचमी पर रुद्राभिषेक का भी अत्यंत महत्व है। पुराणों के अनुसार पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सिर पर उठाया हुआ है इसलिए उनकी पूजा का विशेष महत्व है। ये दिन गरुड़ पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है और नाग देवता के साथ इस दिन गरुड़ की भी पूजा की जाती है।