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शोले के हुए 43 साल, आज भी दर्शकों के द‍िलों पर राज कर रही है फ‍िल्‍म



[पटना]   ~अनूप नारायण
15 अगस्‍त 1975 को एक ऐसी फ‍िल्‍म पर्दे पर आई थी जो ह‍िंदी स‍िनेमा की अब तक की सर्वश्रेष्‍ठ फ‍िल्‍मों में ग‍िनी जाती है। ये वो फ‍िल्‍म है ज‍िसे बार बार देखने का मन करता है। इस डायलॉग, गाने, कहानी और कलाकारों का अभ‍िनय सब कुछ बेहद शानदार था। हम बात कर रहे हैं 'शोले' की। 43 साल से ये फ‍िल्‍म दर्शकों के द‍िलों पर राज कर रही है।  
वो रामगढ़, वो गब्‍बर, वो जय और वीरू, वो बसंती, वो ठाकुर, सब कुछ जेहन में है। यह फ‍िल्‍म न इसके एक्‍टर्स के कर‍ियर की श्रेष्‍ठ फ‍िल्‍म साब‍ित हुई बल्‍क‍ि इसके डायरेक्‍टर रमेश स‍िप्‍पी की भी ये बेस्‍ट फ‍िल्‍म मानी जाती है। उस जमाने में रमेश स‍िप्‍पी ने 2 करोड़ रुपये के बजट से इस फ‍िल्‍म का न‍िर्माण क‍िया था।

फ‍िल्‍म में अभ‍िनेता अम‍िताभ बच्‍चन और धर्मेंद्र की जोड़ी ने खूब वाहवाही लूटी थी। अम‍िताभ बच्‍चन जहां जय के रोल में नजर आए थे वहीं धर्मेंद्र वीरू के रोल में थे। अभ‍िनेता संजीव कुमार ठाकुर बल्‍देव स‍िंह के रोल में थे। मशहूर खलनायक अमजद खान ने गब्‍बर का प्रभावी रोल न‍िभाया था। वहीं हेमा माल‍िनी और जया बच्‍चन इस फ‍िल्‍म की अभ‍िनेत्र‍ियां थीं।
आपको जानकर हैरानी होगी क‍ि शोले को बनते बनते इसमें कई बदलाव क‍िए गए थे। पहले धर्मेंद्र इस फ‍िल्‍म में ठाकुर बल्‍देव स‍िंह का रोल प्‍ले करने वाले थे, लेक‍िन जब उन्‍हें पता चला क‍ि अभ‍िनेत्री हेमा माल‍िनी वीरू के अपोज‍िट नजर आएंगी और उससे रोमांस करेंगी, तो उन्‍होंने अपना रोल बदलवा ल‍िया। 

इतना ही नहीं गब्बर सिंह के किरदार के लिए भी अभिनेता अमजद खान पहली पसंद नहीं थे। उनसे पहले ये रोल डैनी डेन्जोंगपा को ऑफर हुआ था। जावेद अख्तर ने इस बारे में बताया था क‍ि डैनी की आवाज गब्बर के किरदार के लिए काफी पतली थी, इसलिए अमजद खान को ये मौका म‍िला।