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गिद्धौर : जरा हो जाइये सावधान, केमिकल वाले आमों से सजे हैं दुकान

[न्यूज डेस्क | अभिषेक कुमार झा]  :-
साहित्यिक जबान में एक कहावत है,- "आम के आम गुठलियों के दाम"।
इसी तर्ज पर गिद्धौर लाॅर्ड मिन्टो टावर चौक के इर्द-गिर्द दर्जन भर लगे ठेले पर सजे विभिन्न किस्मों के काम कई ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर, अगर आप गिद्धौर बाजार में आम खरीद रहे हैं तो, थोड़ा सतर्क और सावधान हो जाइए.. !
गिद्धौर लाॅर्ड मिन्टो टावर चौक के चारों ओर लगे ठेले व दुकानों में कार्बाइड से पके आम बेचे जा रहे है।  यह आम देखने में जितने सुंदर एवं आकर्षक हैं, स्वास्थ्य के लिए उतना ही हानिकारक।
जी हां, ज्येठ माह बीत जाने के बाद सीजन के अंत में गिद्धौर बाजार की शोभा बढ़ाने वाले हानिकारक कार्बाइड से पके आम की भरमार है, जो न केवल सेहत के लिए हानिकारक है, बल्कि इसका असर हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम पर पड़ता है।
गिद्धौर में समयंतराल पर बारिश होने से उम्मस भरी गर्मी का सितम जारी है। ऐसे में गिद्धौर के ठेले पर आम विक्रेताओं द्वारा  मई-जून माह में ही राज्य के बाहर से आम की पेटी बूक करा ली जाती है।  वह समय होता है जब आम अपने पकड़ने की अवधि पूरे करने के सीमा पर होता है। लेकिन लोगों की आवश्यकताएं,पेटी बूकिंग की पूर्ति एवं समय की मांग को देखते हुए व्यवसायगण द्वारा कच्चे आम को ही हानिकारक कार्बाइड से पका कर लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
पाठकों के जानकारी के लिए बता दें कि, कार्बाइड एक खतरनाक रासायनिक पदार्थ है, जिसका प्रयोग वेल्डिंग मशीन में किया जाता है।  विभागीय मापदंडों के कंडिकानुसार, किसी भी फल को हानिकारक रसायनिक पदार्थ से पकाकर उसे बेचना गैर कानूनी है फिर भी ये जहर सरे आम बेचा जाता है और विभाग ने अभी तक आंखें मूंद रखी है।
विडंबना यह है कि जमुई जिले में कार्बाइड से पकने वाले फलों की जांच कराने के लिए लेबोरेट्री नहीं है, इतना ही नहीं बल्कि गिद्धौर के स्थानीय लोग ' फूड निरीक्षक' जैसे संज्ञाओं से भी अज्ञात हैं। इस बिडंबनाओं के चलते का गिद्धौर बाजार में खुले आम बिक रहे खाद्य पदार्थों की प्रशासनिक जांच ही नहीं होती, तो गिद्धौर जैसे इलाके में, दो पैसे अधिक अर्जन के लिए स्थानीय व्यापारी, लोगों की सेहत को ही अपना निशाना बनाकर विभागीय मापदंडों को ठेंगा दिखा रहे हैं।