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गरीब राज्यों की श्रेणी में है उत्तर प्रदेश अव्वल तो बिहार दूसरे स्थान पर


Gidhaur.com:(पटना):- आंकड़े भयावह है और इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है कि केंद्र और राज्य सरकार की तमाम की घोषणाओं के बावजूद देश में भूख और गरीबी बढ़ी है।देश की 27 करोड़ से अधिक आबादी गरीबी में अपना जीवन व्यतीत कर रही है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश की 80 फीसदी गरीब आबादी गांवों में रहती है।   हर पांच में एक भारतीय गरीब रिपोर्ट के अनुसार देश के हर पांच व्यक्तियों में एक गरीब की श्रेणी में आता है। 2012 तक के लिए जारी इस रिपोर्ट के अनुसार जहां 2004 में इनकी संख्या 38.9 फीसदी थी, वहीं 2011 में यह आंकड़ा 21.2 फीसदी पर आ गया है। सबसे ज्यादा गरीब भी अनुसूचित जाति-जनजाति से हैं।  इन सात राज्यों में रहते हैं सबसे ज्यादा गरीब यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा में सबसे ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। इन राज्यों में देश की 62 फीसदी गरीब जनता रहती है। वैसे इन राज्यों में देश की 45 फीसदी जनता रहती है।

6 करोड़ गरीब यूपी में
रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 तक देश में 6 करोड़ गरीब लोग यूपी में रहते थे। बिहार में 3.6 करोड़, एमपी में 2.4 करोड़, झारखंड में 1.3 करोड़ और राजस्थान में 1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे। आंकड़ो के मुताबिक देश की 25 फीसदी गरीब जनता गांवों में और 14 फीसदी शहरी इलाकों में रहती है। इनमें से 27 फीसदी छोटे गांवों में, 19 फीसदी बड़े गांवों में, 17 फीसदी छोटे शहरों में और 6 फीसदी बड़े शहरों में रहते थे।  56 फीसदी गरीब करते हैं खाने पर खर्च 56 फीसदी गरीब लोग खाने पर खर्च करते हैं। 13 फीसदी लाइट  और ईंधन पर, 6 फीसदी शिक्षा पर और 25 फीसदी अन्य मदों पर खर्च करते हैं। अगर जातियों के हिसाब से बात करें तो फिर 43 फीसदी एसटी, 29 फीसदी एससी, 21 फीसदी ओबीसी और 12 फीसदी अन्य जातियों से आते हैं।  मजदूरी से करते है कमाई विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर गरीब मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं। 34 फीसदी खेतों पर मजदूरी करते हैं, 30 फीसदी अपने खेतों पर कार्य करते हैं और 17 फीसदी दूसरे कार्यो में मजदूरी करते हैं।
अनूप नारायण
पटना

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