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मेरी आंखों से देखे कोई, मेरा दिल किसी के शरीर में धड़के

Gidhaur.com (पटना) : इन्होंने न सिर्फ अपने शरीर का दान किया है, बल्कि घूम-घूम कर लोगों को इसके लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। इसमें इनकी पत्नी भी साथ दे रही हैं। ये हैं पटना के गुरु डॉक्टर एम रहमान। सिविल सर्विसेज की तैयारी कराने के लिए ₹11 वाला गुरुकुल अदम्य अदिति गुरुकुल के संचालक डॉक्टर रहमान  कहते हैं- मेरे शरीर का हर अंग गरीबों के काम आ जाए तो मेरे लिए इससे बड़ी खुशी की बात क्या हो सकती है।

मेरी आंख से कोई देखे, मेरा दिल किसी के शरीर में धड़के, मेरी किडनी से किसी की जान बच जाए। मेरे नहीं रहने के बाद भी मेरे शरीर का हर अंग जीवित रहे, इसके अच्छा मेरे लिए क्या हो सकता है। डॉ रहमान का कहना है कि मैं मरकर भी नहीं मरूंगा। कई लोगों में मेरी जिंदगी चलती रहेगी। मेरे परिवार वाले हर पल मेरा एहसास कर सकेंगे। 

दर्जनों लोगों को अब तक जोड़ा 
 डॉक्टर एम रहमान ने कहा- टीवी पर अक्सर अभिनेता-अभिनेत्रियों को अंगदान करने के लिए लोगों को प्रेरित करते देखा है। कोई नेत्रदान की बात करता है, तो कोई रक्तदान की। मैंने सोचा, क्यों न अपने पूरे शरीर का दान कर दूं। इससे एक साथ कई लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है। मेरी हैसियत नहीं कि टीवी या अन्य प्रचार माध्यमों का उपयोग कर सकूं। इसलिए घूम-घूम कर लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित करना शुरू किया।

 शुरू में लोगों ने इसे हल्के में लिया, लेकिन अब दर्जनों लोगों को अंगदान के लिए जोड़ चुका हूं। मेरी यह कोशिश अनवरत जारी रहेगी। दो बच्चों के पिता डॉक्टर एम रहमान कहते हैं-मेडि़कल के छात्रों को पढ़ने के लिए प्लास्टिक के कंकाल का प्रयोग किया जाता है। मैं चाहता हूं कि वे मेरे शरीर के कंकाल का प्रयोग करें। मेरी बातों से प्रेरित होकर मेरे मित्र मुन्ना जी और अन्य मित्र ने भी शरीर दान करने की प्रक्रिया पीएमसीएच में शुरू कर दी है। 

 73 साल के कृष्णा भी कर चुके हैं देहदान 
इससे पूर्व 73 साल के कृष्ण मुरारी ने भी देहदान किया था। उन्हें इसके लिए पीएमसीएच के प्राचार्य को लिखित आवेदन दिया था, जिसके बाद सारी प्रक्रिया पूरी कराई गई। वे बोकारो स्टील सिटी में कार्यरत थे। अभी वे छपरा के सलेमपुर में रहते हैं। उनका बेटा बांका में टेक्नीशियन और बेटी विदेश में कंप्यूटर इंजीनियर है। 

आप भी कर सकते हैं देहदान 
अगर आप भी देहदान करना चाहते हैं, तो लिखित आवेदन पीएमसीएच के प्राचार्य के पास देना होगा। इसके बाद आवेदन एनाटोमी विभाग के पास भेजा जाएगा। वहां फॉर्म भरने के बाद आपके शरीर की जांच की जाएगी। फॉर्म में आपको हर तरह की जानकारी के अलावा परिवार की सहमति के बारे में भी बताना होगा। इसके बाद सिविल सर्जन के पास आपका कागज जमा हो जाएगा। जब अापकी मृत्यु हो जाएगी, तो अापके घर वाले इसकी सूचना सिविल सर्जन को देंगे और फिर अापका अंग कइयों को नई जिंदगी 

अनूप नारायण
पटना      |     07/06/2018, गुरुवार

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