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मांगोबंदर पुल के स्लैब में आई दरार, कभी भी घट सकती है अप्रिय घटना

[gidhaur.com | मांगोबंदर(खैरा)] :- इस तस्वीर पर जरा गौर फरमाइएगा, तस्वीर है राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 333-ए पर अवस्थित सुखनर नदी पर बने सोनो-खैरा एवं झारखंड राज्य को जोड़ने वाली मांगोबंदर पुल की, जिसके पूर्वी छोर के नीचे वाले एक स्लैब में दरार आ गई है। जिससे पुल का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। बताते चलें कि उक्त पुल पर बड़ी संख्या में ओवर लोडेड बड़ी गाड़ियों का आवागमन होता रहता है। भारी गाड़ियों के परिचालन से पुल बुरी तरह से कंपन करने लगता है। जिससे किसी बड़ी घटना होने की आशंका बनी हुई है।

स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि, बेहद कम समय में पुल में दरार आ जाने की स्थिति संबंधित विभाग द्वारा उचित देखभाल के आभाव में हुई है।
लिहाजा दो राज्यों के बीच संपर्क स्थापित करने वाला यह पूल गुणवत्ताहीन निर्माण की भेंट चढ़ गया है। पूर्व में भी इसके बारे में दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से प्रशासन को अवगत कराया गया था ; पर विभागीय उदासीनता के कारण यह पुल आज भी अपने उद्धारकर्ता की आस ताक रहा है।
बताते चलें कि इस पुल का निर्माण  पांच वर्ष पूर्व हुआ था,लेकिन करोड़ों की लागत से बना यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। जबकि विधान सभा चुनाव के समय उक्त मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिणत किया जा चुका है। इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से किसी भी वक्त खैरा का सोनो एवं बिहार का झारखंड से संपर्क टूट सकता है।
पाठकों को बता दें कि, श्रावण मेला के दौरान उत्तर एवं मध्य बिहार का देवघर बाबा धाम तक आना जाना इसी पथ के जरिए होता है। यदि इस क्षतिग्रस्त पूल को लेकर किसी भी तरह की अप्रिय घटना होती है तो उसका संपूर्ण असर गिद्धौर-जमुई मुख्य मार्ग पर पड़ेगा, जिसकी स्थिति अभी और बद से बदत्तर हो गई है।
 
विदित हो कि इससे पहले अप्रैल 2017 में खैरा-सोनो मुख्य मार्ग पर पड़ने वाले किऊल नदी पर अवस्थित नरियाना पुल के पूर्वी भाग के 11वें पिलर के पास अचानक आयी दरार से पुल के दो रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिस कारण आजतक उक्त पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है । नरियाना पुल पर रखे गिट्टी से बहुतो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गए , कितने लोग वहां पर दुर्घटना होने के कारण असमय काल कलवित गये।
हलांकि, ये सारी बातें समाचार पत्रों के माध्यम से यह मामला सभी प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों  को ज्ञात है, उसके उपरांत भी  आज तक इस संदर्भ में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है  ।
अगर विभाग द्वारा दोनों पुलों से संबंधित समस्याओं पर ससमय उचित एवं सार्थक कदम न उठाया गया तो बारिश के मौसम में जनजीवन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
बता दें कि, पुल में दरार का मामला संज्ञान में आते ही विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा इस मार्ग पर बैरियर लगाने की बात कही गई, जिसका असर भी देखा जा रहा है।  यहां गौरतलब यह है कि, पुल में आई दरार से भारी वाहनों का परिचालन अब जर्जर हो चूके गिद्धौर- जमुई मुख्मार्ग से होगा। यह भी गौरतलब है कि, पुल में आई दरार से जब उत्तर बिहार से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद हो जाएगी तो इस पथ पर खुले कई दुकान, गैराज, व लाइन होटल वालों के आमद में ग्रहण लग जाएगा।
  (शुभम् मिश्रा)
मांगोबंदर | 27/05/2018, रविवार

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