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अररिया : ओला-तुफान से फसल क्षति का आकलन नहीं कर रहा कृषि विभाग

Gidhaur.com (अररिया) : जिला में इस वर्ष मार्च से सतत ओलावृष्टि और आंधी तुफान हो रहा है. मक्का सहित रबी फसल का भारी नुकसान हुआ है. माननीय कृषि मंत्री ने 7 अप्रैल 2018 को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बयान दिया था कि ओला-वृष्टि-तूफ़ान-बारिश के चलते फसल क्षति के नुकसान का आकलन कर सरकार द्वारा भरपाई किया जाएगा और इस बाबत सभी प्रभावित् जिलों के कृषि पदाशिकारी / सहायक निदेशक को निर्देश दिया गया कि यथाशीघ्र नुकसान का आकलन कर विस्तृत प्रतिवेदन मुख्यालय को उपलब्ध कराएँ.

मगर एक महीना बीतने के बाद भी कृषि विभाग अररिया द्वारा क्षति के आकलन की कोई पहल नहीं हुई है. जन जागरण शक्ति संगठन के कार्यकर्ता इस मुद्दे को ले कर स्थानीय कृषि विभाग से कई बार पत्राचार एवं बातचीत किये हैं. मगर विभाग का रवैया काफी लापरवाह और टाल-मटोल करने वाला रहा है. हैरानी तो इस बात की है कि अब तक अररिया जिला के कृषि पदाधिकारी के कार्यालय से क्षति आकलन के लिए कोई कार्यालय आदेश जारी नहीं किया गया है.

भीषण बाढ़ के बाद इस दूसरी आपदा ने किसानों के आमदनी पर गंभीर चोट की है. वित्त मंत्री ने भी बजट भाषण के दौरना सदन में कहा था कि इस बार अररिया जिला में सबसे ज्यादा वर्षा और बाढ़ से क्षति हुई. अररिया जिला की पूरी अर्थव्यवस्था खेती किसानी पर ही निर्भर है. ऐसे में कृषि विभाग और आपदा विभाग को अररिया को विशेष जिला की श्रणी में रख यहाँ के किसानों पर धयन देनें की जरुरत थी.

ज्ञात हो कि अगले 15 दिनों में मकई की फसल काट ली जायेगी और गेहूं की फसल कट चुकी है. ऐसे में किसानों के फसल की क्षतिपूर्ति कैसे मिलेगी? जन जागरण शक्ति संगठन जिला कृषि पदाधिकारी से यह मांग करता है कि वे इस पुरे घनाक्रम में पारदर्शिता बरतें और बताएं कि उन्होंने क्षति के आकलन के संबंध में क्या कदम उठाये हैं? कब तक सर्वे का काम पूरा कर लिया जायेगा? और कब तक सारी जानकारी सार्वजानिक की जाएगी?

जन जागरण शक्ति संगठन की ओर से 
कृष्ण कुमार सिंह, आशीष रंजन, कामायनी स्वामी, उज्ज्वल कुमार, मनोज यादव, जयनारायण पासवान, रामानंद पासवान आदि ने इस सन्दर्भ में अपने विचार रखे.

अनूप नारायण
09/05/2018, बुधवार



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