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सोनो : जीवन की नैया पार लगाने के लिए गुरु आवश्यक - आचार्य शिवकुमार

Gidhaur.com (सोनो) : प्रखंड के रक्सा ओरैया गांव में आयोजित हवनात्मक रुद्रचंडी महायज्ञ के पांचवें दिन शुक्रवार को स्थानीय महिला-पुरुषों ने यज्ञ स्थल का परिक्रमा किया. यज्ञ स्थल पर दर्जनों की संख्या में उपस्थित विद्वान महात्माओं के द्वारा किए जा रहे हवन-प्रवचन से माहौल भक्तिमय हो गया है.

कोलकाता से आए आचार्य शिवकुमार वेदपाठी के द्वारा बुधवार को किया गया महाभागवत कथा के प्रवचन को सुनकर लोग भाव विभोर हो गये. भागवत कथा के शुभारंभ के दौरान आचार्य श्री शिवकुमार वेदपाठी ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि जहां भगवान हैं वहीं कथा हो. लेकिन जहां कथा होती है वहां भगवान अवश्य होते हैं.

उन्होंने कहा कि अलग-अलग युगों में इश्वर की प्राप्ति के लिए अलग-अलग साधन थे. लेकिन इस कलियुग में भगवान के स्मरण मात्र से ही ईश्वर की प्राप्ति सुनिश्चित है. इसके लिए भक्तों की भावना भगवान के प्रति स्वच्छ होनी चाहिए. भगवान का स्मरण भक्त जिस रूप में भी करते हैं ईश्वर की कृपा उनपर अवश्य ही होती है.

मीरा और भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्ति की भावना का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि मीरा दिन रात भगवान श्री कृष्ण का जाप करती रहती थी. इसी दौरान मीरा को एक समय विष पिलाया गया लेकिन वह विष भी अमृत बन गया था, जो मीरा के भक्ति की भावना है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह नदी को पार करते समय नौका के साथ-साथ नाविक की आवश्यकता होती है उसी प्रकार अपने जीवन की नैया को पार लगाने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है.

चन्द्रदेव बरनवाल
सोनो     |      08/04/2018, रविवार

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