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पाइपलाइन टूटने से आधे गिद्धौर में पानी सप्लाई बंद


[gidhaur.com | News Desk ] :-  

बिहार सरकार के सात निश्चय योजनांतर्गत हर घर नल योजना के संचालन को लेकर विभाग कितना गंभीर है। इसकी जमीनी हकीकत जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंडांतर्गत पतसंडा पंचायत के पश्चिमी भाग में तकरीबन एक सप्ताह से बंद पड़ी दर्जन भर नल बयां कर रही है।
यूं तो भविष्य को सबक सिखाने के लिए वर्तमान को प्रभावित किया जाता है, पर कूछ ऐसे लोग भी हैं जो वर्तमान को सबक सिखाने के लिए भविष्य को मुश्किल में डाल दिया है।
हम जिक्र कर रहे हैं, बिहार सरकार के अधिन लोक स्वास्थ्य प्रमण्डल जमुई के तहत चल रहे गिद्धौर ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना में कार्यरत कर्मचारियों की जिनके ढूलमूल रवैये से गिद्धौर का भविष्य बून्द बून्द पानी को तरसने जा रहा है।
आश्चर्यचकित मत होईए, सूबे के हर गांवों में घर-घर पानी पहुंचाने की प्रदेश सरकार की बहुप्रतीक्षित हर घर नल योजना, विभाग और कर्मचारियों के लापरवाही के बीच लटकी हुई है। जिससे इस योजना पर लाखों रूपए खर्च होने के बाद भी यह ग्रामीणों की प्यास बुझाने में असमर्थ साबित हो रही है। 
 दरअसल, गिद्धौर पंचमंदिर के पास स्थित बीड़ी कम्पनी के पीछे नाला का निर्माण किया जाना है जिसके लिए जेसीबी से खुदाई की गई। इस दौरान अंजाने में वाटर सप्लाई पाइपलाइन का पाइप टूट गया जिससे भारी मात्रा में पानी की बर्बादी हो गई। कार्यस्थल पर कोई अधिकारी भी मौजूद नहीं थे।
जल की अखंड बर्बादी को देखते हुए स्थानीय कुछ लोगों द्वारा गिद्धौर पंप हाउस में सुचना दी गई जिसके बाद वहां से पानी का सप्लाय बंद किया गया।
विभागीय कार्यशैली का अनुमान आप इससे लगा सकते हैं कि तकरीबन एक सप्ताह से यथावत पड़े उस खुदाई और इस टूटे पाइप लाइन की मरम्मती हेतु कुछ विशेष गतिविधियाँ देखने को नहीं मिल रही।
विदित हो कि फिलहाल, संबंधित विभाग द्वारा वाटर सप्लाई पाइपलाइन और ड्रेनेज के लिए प्रॉपर मैप तैयार नही किए जाने से ऐसी क्षति देखने को मिल रही है।
  हर घर नल का जल पहुँचाने को संकल्पित विभाग के ठेकेदारों की यदि मानें तो उनका कहना है कि निरक्षर ग्रामीणों को सबक सिखाने के लिए थोड़ी सी अनदेखी की गई।
 पतसंडा पंचायत के पश्चिमी भाग में हर घर जल योजना के बंद होने पर स्थानीय ग्रामीणों का मत है कि विभाग एवं ठेकेदारों ने मिल कर नल जन योजना के कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। परिणामस्वरूप गिद्धौर के पश्चिमी भाग में लगे दर्जन भर नल अपेक्षित  पानी उगलने में विफल हो रहा है।
 गिद्धौर नल पंप संचालन केन्द्र में इस मामले की जानकारी होने के उपरांत भी इन सात दिनों में न तो जर्जर पाइन लाइन बदली गई और न ही इस योजना में आने वाली समस्याओं से विभाग को अवगत कराया गया है, लिहाजा गिद्धौर के पतसंडा पंचायत की आधी आबादी आज भी उपेक्षित पड़े इन नलों से बूंद-बूंद पानी की आश लगाए बैठे है। पर पानी की बहाव पर घोड़े बेचकर सोने वाले विभाग के कुछ लापरवाह कर्मियों के कारण शायद आगामी पीढ़ी को गिद्धौर जैसे जलस्थल पर बून्द बून्द पानी के लिए भटकना पड सकता है।

अभिषेक कुमार झा
17/4/2018,मंगलवार
www.gidhaur.com 

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