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मिथिला का दुर्भाग्य है बाढ़ की विभीषिका - बिष्णु पाठक

Gidhaur.com (मनोरंजन) : 1992 से दिल्ली के द्वारका क्षेत्र में रह रहे बिष्णु पाठक 4 वर्ष पहले क्षेत्रीय भाषा की फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में आये है।अभी हाल ही में उनकी कम्पनी श्रीराम जानकी फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म -लव यू दुल्हिन बन कर तैयार है।बिष्णु पाठक बताते हैं कि पहली बार हमने उत्तर बिहार खासकर बाढ़ की त्रासदी पर  पारिवारिक मनोरंजक  फ़िल्म बनाई है।इस फ़िल्म से मिथिला फ़िल्म उद्द्योग को बढ़ावा मिलेगा।रोजगार के अवसर पैदा होंगे।वरिष्ठ पत्रकार अनूप नारायण ने बिष्णु पाठक से लंबी बातचीत की। यहाँ पढ़ें :-

सवाल-आप दिल्ली में इतने वर्षों से हैं, काफी संघर्ष के बाद फिर एक नया चुनौती क्यों?

बिष्णु पाठक-जी सही कहा आपने।मैं 1992 में ही दिल्ली आ गया था।इन वर्षों में अभाव को झेलते हुए कठिन संघर्ष किया हूँ।अब समय आ गया है कि कुछ समाज के लिये करू।कुछ नया करू।दिनकर की धरती का (बेगूसराय) हूँ।मानव हूँ,इसलिये जोर लगाते रहता हूँ।क्या पता पत्थर से भी पानी निकल जाए।

सवाल-आपने फ़िल्म निर्माण क्षेत्र में मैथिली को चुना है।आपको नही लगता है कि आपने कठिन चुनौती ले ली है?

बिष्णु पाठक- मैंने पहले ही कहा आपको कि मैं दिनकर की धरती और बाबा विद्यापति के आंगन में पैदा लिया हूँ।दिनकर भी कहते थे कि मानव जब जोड़ लगाता है पत्थर पानी बन जाता है।इसलिये बाबा विद्यापति की अटूट भक्ति और दिनकर के संकल्प को मन मे लेकर एक नया चुनौती हाथ मे लिया हूँ।

सवाल-आप अपने प्रोडक्शन हाउस की नई आने वाले फ़िल्म लव यू दुल्हिन के बारे में और कहानी के बारे में बताए।

बिष्णु पाठक-लव यू दुल्हिन फ़िल्म एक परिवार पर आधारित है।फ़िल्म के बैकड्रॉप में कुसहा बाढ़ की त्रासदी है।एक दम्पत्ति जिसे 9 वर्षो तक कोई संतान नही होता है।परिवार में सास ससुर पोता पोती जन्म के लिये लालायित रहते हैं।चिकित्सक परामश में पता चलता है कि दुल्हिन को बच्चा नही होगा।तब वंस बढ़ाने के लिये पति को दूसरा शादी करना पड़ता है।पति शादी नही करना चाहता है लेकिन बड़ी दुल्हिन पति को दूसरे शादी के लिये तैयार कर लेती है।

सवाल-कुसहा बाढ़ त्रासदी को कैसे फिल्माया है आपने?फ़िल्म से क्या वास्ता है?

बिष्णु पाठक-जब पति का दूसरा शादी होता है तब सुहाग रात ही कुसहा बांध टूट जाता है।गाँव और आसपास इलाके में भयानक तबाही शुरू हो जाता है।फ़िल्म के मुख्य किरदार अपने दोनों पत्नी व माता पिता को राहत कैेम्प में पहुँचा कर फिर गाँव आता है।गाय और गाय के बच्चे को नदी पार करवाते वक़्त ही हीरो का चचेरा भाई उस पर जानलेवा प्रहार कर देता है।यहां से फ़िल्म की मार्मिक कहानी शुरू हो जाती है.......

सवाल-कहानी में कोई सामाजिक मुद्दा?

बिष्णु पाठक-जी है न।बिना सामाजिक मुद्दा का हमारी फ़िल्म पूरा ही नही होता।हमने पूर्व में सामंती व्यवस्था पर डमरू उस्ताद,दहेज पर हाल ही में मुक्तिगाथा लघु फ़िल्म बनाया है।
हमारी आने वाली फिल्म लव यू दुल्हिन में भी सामाजिक मुद्दों को बखूबी उठाया गया है।शराब बंदी व स्वक्षता पर हमने धरातल की बात कही है।चूंकि फ़िल्म है इसलिये कहि कहि हमने संवाद के माध्यम से सरकार का ध्यान मनोरंजन के द्रष्टिकोण से दिखाने का प्रयास किया है।

सवाल-कौन कौन कलाकार है?

बिष्णु पाठक-हमारी फ़िल्म लव यू दुल्हिन में मुख्य कलाकार विकास झा,प्रतिभा पांडेय,आलोक,इंनुश्री,अमिय कश्यप,पूजा,विजय मिश्र, शुभनारायन,भूमिपाल राय आदि है।

सवाल-मिथिला की समृद्ध व गौरवपूर्ण इतिहास रहा है?क्या संगीत में इसका ध्यान रखा गया है?

बिष्णु पाठक-जी आपने सही सवाल किया।मिथिला के स्वर्णिम अतीत को हमने अक्षुण्य रखा है।इस फ़िल्म में हमने लोकमनोरंजन  का खास ध्यान रखा है।फिलन में झरनी,साम चकेवा जैसे पारंपरिक गीत का प्रयोग किया है।इसके अलावा फ़िल्म के कहानी के अनुरूप रोमेंटिक गीत व मुजरा गीत भी दिया है।हमने गाना के बोल को रमणीक व कर्णप्रिय बनाया है।

सवाल-संगीतकार,गीतकार और गायक के बारे में बताए?

बिष्णु पाठक-लव यू दुल्हिन के संगीतकार धनन्जय मिश्र है।गीतकार -सुधीर कुमार,विक्की व मनोज आनंद।
स्वर-कल्पना,इंदु सोनाली,विकास झा,आलोक,देवानंद आदि है।

सवाल-फ़िल्म का निर्देशक कौन है?

बिष्णु पाठक-लव यू दुल्हिन के निदेशक मनोज श्रीपति जी है।बहुत ही उम्दा व गम्भीर है।इन्होंने बेहतरीन निर्देशन दिया है।इससे पहले भोजपुरी,ओड़िया भाषा की फिल्मों में भी निर्देशन कर चुके हैं।इनकी एक लघु फ़िल्म रक्त तिलक थी जो बलि प्रथा जैसे मुद्दों पर आधारित है।राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा हुआ था।सच कहूं तो निर्माता तो फ़िल्म का पिता होता हैं माँ तो निर्देशक ही होता है । हमारे मनोज श्रीपति जी ने इस फ़िल्म में बेहतर से बेहतर ढंग से एक यादगार क्षाप छोरी है।श्रीराम जानकी फिल्म्स को इस बात का गर्व है

अंतिम सवाल-क्या उम्मीद है?

जबाब-उम्मीद तो कल्पना है।हम मिथिलावासी उम्मीद से ज्यादा मेहनत पर भरोसा करते है।हम अर्शे बाद देश के कोने-कोने में बसे मैथिली भाषा बोलने वाले समझने वाले लगभग 2 करोड़ लोगो के पास फ़िल्म को पहुचायेंगे।हमे विस्वास है कि इस लव यू दुल्हिन फ़िल्म उनके पारिवारिक मनोरंजन का मुख्य आधार बनेगा।

26/02/2018, सोमवार

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