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झाझा : पुण्यतिथि पर याद किये गए बापू, सूर्यावत्स के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित

Gidhaur.com (झाझा) : मंगलवार को झाझा के गाँधी चौक पर गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता सूर्या वत्स के नेतृत्व में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधीजी की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सबोधित करते हुए सूर्या वत्स ने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1948 में नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। वे भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।

महात्मा गांधी सत्याग्रह व्यापक सविनय अवज्ञा के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे। गांधी जी की इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी। जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया।

गाँधी जी ने सभी परिस्थितियों में अहिंसा और सत्यता का पालन किया और सभी को इनका पालन करने के लिये वकालत भी की। उन्होंने साबरमती आश्रम में अपना जीवन गुजारा और परम्परागत भारतीय पोशाक धोती व सूत से बनी शाल पहनी।

आगे सूर्या वत्स ने कहा कि गाँधी जी ने कहा था कि सच्चा व्यक्ति अकेले ही सत्य तक पहुंच सकता है। बापू के कथनानुसार दुनिया में एेसे कई लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें रोटी के सिवा किसी और रुप में नहीं दिख सकता। यह हमारे देश कि विडंबना कही जाए तो गलत नहीं होगा कि आज बापू सिर्फ तस्वीरों में नजर आते हैं।

उनके विचार, बलिदान, त्याग लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखता। शायद बापू जिस भारत की कल्पना किये होंगे वह भारत यह नहीं हैं। आज हर तरफ, जलन, द्वेष, घृणा, अत्याचार, गुस्सा, हिंसा, जाति के नाम पर तो कभी धर्म के नाम पर देखने को मिलती है। अपने-अपने धर्म के लोग भी अमन-चैन से नहीं रहते।

वहाँ भी नहीं कुछ बनता है तो जात-पात का गंदा खेल खेला जाता है। एक-दुसरे को धकेल कर आगे बढ़ने की नियती बन गई, जो बापू कभी नहीं चाहते होंगे। जो बापू अंग्रेजों के लिए भी कभी नहीं किये वह आज लोग अपनो के लिए करते हैं। डर तो इस बात का भी है कि जो देश युवाओं का देश कहा जाता है, वह युवा भी इसी राह पर चल पड़े हैं।

किसी को भी इस राह पर चलकर ना तो उनका भला होगा और ना ही हमारे समाज और देश का भला होगा। इस कार्यक्रम में भैयालाल माथुरी, सिताराम वर्णवाल, गोविन्द ठाकुर, सोहन वर्णवाल, मनीष वर्णवाल, गिरजा प्रजापति  वर्णवाल, गणेश, दिलीप कुमार, वकील जी, बिमल जी, महेंद्र प्रसाद आदि शामिल हुए।

सुशांत साईं सुंदरम
30/01/2018, मंगलवार

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