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जमुई : चित्रगुप्त पूजा 21 को, शामिल होंगे कई चित्रांश बंधु

Gidhaur.com (न्यूज़ डेस्क) : कलमजीवियों के आराध्य, कायस्थ के आदिदेव, समस्त प्राणियों के पाप-पुण्य कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान श्री चित्रगुप्त का पूजन कार्यक्रम आगामी शनिवार, 21 अक्टूबर को चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर जमुई के शास्त्री कॉलोनी स्थित जेएस रेस्ट हाउस में आयोजित किया जायेगा. जमुई के चित्रांश महापरिवार द्वारा धूमधाम से पूजा की तैयारी चल रही है.

सहभोज-महाआरती का होगा आयोजन
पूजा की शुरुआत सुबह 10 बजे होगी एवं इसके बाद दोपहर 2 बजे से सहभोज का आयोजन किया जायेगा. संध्या 6 बजे महाआरती का आयोजन होगा. इसके अगले दिन रविवार को भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा विसर्जित की जाएगी.
शामिल होंगे कई कायस्थ परिवार
इस कार्यक्रम में सूर्य प्रकाश सिन्हा, संतोष सिन्हा, संजीव कुमार, बबलू सिन्हा, जय नंदन प्रसाद, अमित कुमार सिन्हा सहित कई चित्रांश बंधु उपस्थित रहेंगे.

ब्रह्मा के आदेश से कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं भगवान चित्रगुप्त 
महाप्रलय के बाद सृष्टि की रचना होनी थी. भगवान ब्रह्मा तपस्या में लीन थे. हजारों वर्षों की तपस्या के बाद उनके मन में एक चित्र अंकित हुआ और गुप्त हो गया. भगवान के मुख से निकल पड़ा चित्रगुप्त. जब उनकी तंद्रा टूटी तो सामने दिव्य पुरुष खड़े थे. इन्हें चित्रगुप्त नाम दिया गया. ब्रह्मा जी की आज्ञा से वे महाकाल (उज्जैन) नगरी में जाकर तपस्या करने लगे. तपस्या के प्रभाव से सृष्टि के प्रत्येक प्राणी के कर्मों का लेखा-जोखा रखने की शक्ति चित्रगुप्त को प्राप्त हो गई अौर वे मानव कल्याण के लिए धर्मराज के साथ कर्मों का लेखा-जोखा का काम देखने लगे. चित्रगुप्त भगवान का पूजन विशेष तौर पर कार्तिक शुक्ल द्वितीया को किया जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिन धर्मराज अपनी बहन से मिलने उनके घर पहुंचते हैं. चित्रगुप्त जी के एक हाथ में कर्मों की पुस्तक है और दूसरे हाथ से वे कर्मों का लेखा-जोखा करते दिखलाई पड़ते हैं.


(अपराजिता)
Gidhaur.com     |     17/10/2017, मंगलवार

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