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बाजार में सिक्कों की बाढ़ से लोग परेशान, नहीं चल रहे 1, 2, 5, 10 रुपये के सिक्के

Gidhaur.com (समस्या) : इधर कुछ दिनों से गिद्धौर बाजार में अचानक 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्कों की बाढ़ सी आ गयी है। इसके वजह से व्यवसायियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ग्राहक भी जब किसी दुकानदार को सिक्के देते हैं तो वो सिक्के लेने से साफ इंकार कर देते हैं। गिद्धौर बाजार सहित क्षेत्र के अन्य छोटे-मोटे पंचायत के बाजारों में अचानक से सिक्के के बढ़ते चलन से न सिर्फ व्यवसायी ही परेशान है अपितु ग्राहकों के लिए भी यह सिक्का जी का जंजाल साबित हो रहा है।

जी हाँ! आए दिन गिद्धौर समेत आसपास के बाजारों में सिक्के के लेन-देन को लेकर व्यवसायी और ग्राहकों के बीच तू-तू मैं-मैं स्वभाविक हो गया है। दरअसल, नोटबंदी के बाद से बाजार में अचानक 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्कों की बाढ़ सी आ गई है। जिसके चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आम ग्राहक किसी भी सामान की खरीदारी पर खुदरा पैसा यानि सिक्के ही थमाते हैं। वहीं व्यवसायी जब किसी ग्राहक को सिक्के देते हैं तो ग्राहक सिक्के लेने से साफ इंकार कर देते है, ऐसे में व्यवसायियों के गल्ला में सिक्कों की भरमार सी हो गई है।

कहना है गिद्धौर के व्यवसायीयों का
गिद्धौर के ही कुछ व्यवसायी बताते है कि बाजार में पिछले दो-तीन माह से एकाएक सिक्कों की बढ़ोतरी से इसके लेन-देन को लेकर परेशानी हो रही है। ग्राहक सिक्के नहीं लेना चाह रहे हैं ऐसे में हमें इन सिक्कों को मजबूरी में ऐसे धंधेबाजों को पंद्रह बीस दिनों के लिए यूं ही दे देना पड़ता है, जो सिक्कों के बदले पुनः नोट लाकर हमें देते हैं। गिद्धौर के महुली स्थित पेट्रोल पंप स्टाफ का भी यह कहना है कि 10-20 रुपए तक के सिक्कों को लेना देना संभव होता है, किन्तु लोग 100 से लेकर 500 रुपए तक के सिक्के लेने को मजबूर करते हैं जो संभव नहीं हो पाता।
उक्त बात को मानें तो, खुदरे पैसे की इस बाढ मे सबसे ज्यादा प्रभावित गिद्धौर के टेम्पू चालक, रेहड़ी-ठेले वाले, सब्जीवाले, पान दुकान चलाने वाले एवं छोटे व्यवसायी हैं, जिन्हें रोज सिक्कों से ही पाला पड़ता है। इनकी मजबूरी है कि इन्हें न चाहते हुए भी सिक्कों को लेना पड़ता है और जब उन सिक्कों को भुनाने की बारी आती है तब एक साथ सिक्कों को भुनाने में इन्हें काफी दिक्कत होती है। तब इन्हें मजबूरी में 10-10, 20-20 रुपए का
सिक्का कई दुकानों में देकर बदले में सामान खरीदना पड़ता है।
खैर, अब तो गिद्धौर बाजार में 10 और 5 के दो चार सिक्के एकसाथ व्यवसायी ले लेते हैं किंतु 1 व 2 रुपये के सिक्के से परहेज करने लगे हैं। उधर, मौरा , धनियाठीका, बंधौरा, कोलूहुआ इत्यादि इलाके के गरीब-गुरबा लोगों में भी व्यवसाइयों के द्वारा सिक्का नही लिए जाने से इनके चूल्हे पर भी कभी आफत आ जाती है। फिलहाल  गिद्धौर बाजार में सिक्कों को लेकर कई तरह के अफवाह का बाजार गरम है।

गिद्धौर     |        14/09/2017, गुरुवार

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