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सम्पादकीय : दुर्गा पूजा के भव्य आयोजन के लिए क्या तैयार हैं हम?

Gidhaur.com (सम्पादकीय) : गिद्धौर का दुर्गा पूजा सदियों से प्रसिद्ध है. उलाई नदी के तट पर स्थित मंदिर में माँ दुर्गा की पूजा विधि-विधान सहित होती है. इस वर्ष 21 सितम्बर को कलश स्थापन एवं पाठ संकल्प के साथ माता जगजननी के पूजा की शुरुआत हो रही है. अबकी बार दस दिवसीय पूजा कार्यक्रम है जिसकी उद्घोषणा ज्योतिषाचार्य डॉ. विभूति नाथ झा ने कर दी है. विजयादशमी 30 सितम्बर को है, इस दिन माँ दुर्गा की प्रतिमा माँ त्रिपुर सुंदरी तड़ाग (तालाब) में विसर्जित की जाएगी. तदोपरांत आश्विन मास की पूर्णिमा, 5 अक्टूबर (विजयादशमी के 5 दिनों के बाद) को परंपरागत तरीके से माँ लक्ष्मी की पूजा की जायेगी एवं इसके अगले दिन प्रतिमा विसर्जन होगा.

वर्तमान में गिद्धौर एक प्रखंड के रूप में है जिसके अंतर्गत 8 पंचायत आते हैं. जिनमें कुल मिलाकर बीस गांव शामिल हैं. तकरीबन डेढ़ लाख से अधिक आबादी वाले प्रखंड होने की वजह से पूजा के दौरान अगणित संख्या में भीड़ का जुटान होगा. उल्लासपूर्ण वातावरण में जनसमुदाय मेला का आनंद का उठाएंगे. यूँ तो आयोजन समिति द्वारा मेला एवं पूजा कार्यक्रम की पुरजोर तैयारी की जा रही है, लेकिन प्रखंड कार्यालय होने के बावजूद भी मेला एवं मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को कई प्रकार की कठिनाइयाँ होने की आशंका है. आइये जानते हैं इस वर्ष लोगों को किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

नहीं चल रहे सिक्के
गिद्धौर में सदैव से अफवाहों का बाजार गर्म रहता है. विगत दो माह से यहाँ के बाजार में 1,2 एवं 5 रुपये के सिक्के नहीं चल रहे. और अब तो कुछेक सप्ताह से 10 रुपये के सिक्के लेने से भी दुकानदार इनकार कर रहे हैं. ऐसे में मेला परिसर सहित गिद्धौर बाजार में खरीददारी करने में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

सड़कें-गलियां बन गई नालियाँ
जी हाँ, गिद्धौर से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 333 सहित यहाँ की सभी गलियों में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से बरसात एवं नालों का पानी सडकों पर बह रहा है. अमूमन गिद्धौर का हर वो रास्ता जो दुर्गा मंदिर तक जाता है, उसमें से नाली-कीचड़ भरे सड़क से होकर ही गुजरना पड़ता है.

नहीं मिल रही पर्याप्त बिजली
बड़ी हस्तियों के इस छोटे से गांव में पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है. अनियमित बिजली आपूर्ति की परेशानी यहाँ के लिए कोई नई बात नहीं है. सालोंभर यहाँ बिजली की समस्या बनी रहती है. दिनभर तो कामों में व्यस्तता की वजह से बिजली पर उतना ध्यान नहीं जाता, लेकिन शाम ढलते ही बिजली की आँख-मिचौली शुरू हो जाती है. अब देखना है कि दुर्गा पूजा के दौरान पर्याप्त बिजली मिल सकेगी या लालटेन-मोमबत्ती में ही समय गुजरेगा.

कचड़ों का लगा अम्बार
गिद्धौर के बाजार एवं सभी वार्डों में कचड़ों का अम्बार लगा है. जिसकी साफ़-सफाई पर भी किसी का विशेष ध्यान नहीं है. हर रास्ते से गुजरते हुए सांस रोककर या नाक बंद कर जाना पड़ता है.

सार्वजनिक शौचालय हैं ही नहीं
प्रखंड सह अंचल कार्यालय होने के बावजूद भी गिद्धौर भर में कहीं भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. प्रतिदिन बाजार, बैंक, प्रखंड कार्यालय आदि में काम के लिए विभिन्न पंचायतों से सैंकड़ों महिलाएं गिद्धौर आती हैं. लेकिन यहाँ एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है. ऐसे में महिलाओं को बहुत विषम परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अतिक्रमण की मार झेल रहा बाजार
गिद्धौर बाजार में ढंग से चलने भर भी जगह नहीं है. विक्रेता बीच राह में अपनी दुकान-ठेले लगाये रहते हैं. ऐसे में पूजा के दौरान भारी भीड़ को आवागमन में मुश्किल होगी.

नहीं है पार्किंग की व्यवस्था
मंदिर व मेला परिसर के आसपास गाड़ियों के पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में वाहनों के यत्र-तत्र खड़ा कर दिए जाने से आगंतुकों को कठिनाइयाँ होंगी.

बढ़ गया है ऑटो भाड़ा
रेलवे स्टेशन से गिद्धौर बाजार आने का ऑटो किराया जहाँ पहले मात्र 5 रुपया था वह अब बढ़कर 8 रुपया हो गया है. ऐसे में यात्रियों का ऑटो चालकों से नोक-झोंक होने की भी संभावना है.

जर्जर है सड़क
राष्ट्रीय राजमार्ग 333 सहित गिद्धौर की कई सड़कें, मौरा, मांगोबंदर, सेवा एवं अन्य गांवों से गिद्धौर आने वाली सड़कें जर्जर है. ऐसे में गाड़ियाँ बहुत हिचकोले खायेंगी और मेला आने का मजा सडकों को कोसने में निकल जाएगा. एनएच 333 की सड़कें तो कई जगहों पर धंस गई हैं.

नहीं चालू रहता है एटीएम
गिद्धौर में 6 एटीएम हैं लेकिन ये सभी कभी भी पूर्णकालिक सेवा दे पाने में सक्षम नहीं हैं. कभी कैश की कमी तो कभी लिंक फेल होने की समस्या बनी रहती है. ऐसे में दुर्गा पूजा के मेले में श्रद्धालुओं को नगदी लेकर आने में ही सुविधा होगी.
अब देखना ये है कि क्या समय रहते सम्बंधित लोगों द्वारा इन तमाम परेशानियों का निराकरण किया जाता है या फिर इस वर्ष गिद्धौर के दुर्गा पूजा में श्रद्धालुओं को उपरोक्त कठिनाइयाँ झेलनी पड़ सकती है. उम्मीद है आयोजन समिति एवं स्थानीय शासन-प्रशासन-आलाधिकारी व जनप्रतिनिधि इन परेशानियों को दूर करने की दिशा में सफल प्रयास करेंगे.

17/09/2017, रविवार